कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। बिधनू के बिनगवां में गलत तरीके से दाखिल खारिज करने के मामले को संज्ञान में लेते हुए लेखपाल पर डीएम विशाख जी ने मंगलवार देर रात की कार्रवाई। डीएम ने लेखपाल को सस्पेंड कर दिया है। उधर, डीएम ने विकास दुबे के मुँहबोले भांजे को भी भौसाना से हटा दिया गया है।
उप जिलाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि जांच में सुजीत कुशवाहा को दोषी पाने पर डीएम के आदेश पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। बिधनू के बिनगवां गांव में रियल एस्टेट कंपनी वीएसीएल ने अपनी तीन आरजी जमीनों पर लोगों को रजिस्ट्री की और सीलिंग की आठ जमीनों पर कब्जा करा दिया। इसमें लेखपाल सुजीत कुमार कुशवाहा ने भी कंपनी का साथ दिया था। बिनगवां में रहने वाले 277 लोगों ने इसकी शिकायत डीएम से की थी। रियल एस्टेट कंपनी के संचालक बृजेंद्र सिंह को मामले में जेल हो गई थी।
वीएसीएल पर कार्रवाई के बाद लेखपाल सुजीत के खिलाफ भी एसडीएम को जांच सौंपी गई थी। सुजीत ने यहां 14 दाखिल खारिज किए थे। एसडीएम सदर अनुराज जैन की जांच रिपोर्ट में कुछ दाखिल खारिज नियम विरुद्ध पाए गए थे। डीएम ने लेखपाल को दोषी पाते हुए सस्पेंड करने के आदेश दिए। आदेश के बाद घाटमपुर एसडीएम ने लेखपाल को सस्पेंड कर दिया।
तीन प्रधानों ने डीएम से की थी शिकायत बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के मुंह बोले लेखपाल भांजे ऋषभ दुबे को मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप में भौसाना से हटा दिया गया है। उसे बिल्हौर तहसील में अटैच किया गया है। मंगलवार को बिकरू की प्रधान मधु, कीरतपुर के मुकेश कुमार और भौसाना की गीता ने डीएम विशाख जी से उनकी शिकायत की थी।
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