कानपुर/ बीपी प्रतिनिधि। मौसम के बदलते ही बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। डायरिया, गैस्ट्रोइंटाइटिस के साथ ही वायरल फीवर तेज हो गया है। डॉक्टर इसे मौसमी वायरल संक्रमण बता रहे हैं।
कुछ रोगियों को निमोनिया हो जा रहा है। दो निमोनिया रोगियों के एक्यूट रेस्पेरेटरी सिंड्रोम में जाने के बाद गुर्दे फेल हो गए और मौते भी हो रही है। रोगियों का इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा था। वहीं, हैलट और उर्सला की ओपीडी में डायरिया, पेट रोग और बुखार के रोगियों की भरमार रही। हैलट ओपीडी में गले के संक्रमण के साथ बुखार के रोगी बड़ी संख्या में आए। कुछ में कोरोना जैसे लक्षण रहे हैं। उन्हें फ्लू ओपीडी में सैंपल देने के लिए भेजा गया।
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के सीनियर फिजिशियन डॉ. सौरभ अग्रवाल का कहना है कि डायरिया, गैस्ट्रोइंटाइटिस से रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसका असर गुर्दों पर आता है।