कानपुर/बीपी टीम : फागुन मास की पूर्णिमा तिथि को हर साल होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। उसी के अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि पर रंगों का त्योहार होली मनाया जाता है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
बता दे होली से 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। फिलहाल इस बार होली की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है ऐसे में हम आपको बताते हैं होलिका दहन और होली की सही तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में –
पंचांग के अनुसार इस साल पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को पड़ रही है ऐसे में होलिका दहन 17 मार्च को गुरुवार के दिन है होलिका दहन के अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि को रंग वाली होली खेली जाएगी ऐसे में 18 मार्च शुक्रवार के दिन खेली जाएगी पंजाब के मुताबिक इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 1:00 बजे 29 मिनट से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12:00 बज कर 47 मिनट तक रहने वाली है।
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के अनुसार होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त 17 मार्च की रात 9:20 से लेकर 10:10 तक रहेगा होलिका दहन के लिए कुल 1 घंटा 11 मिनट का समय मिलेगा में होलिका दहन का उपयुक्त माना जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन प्रदोष काल के दौरान पूर्णिमा तिथि में करना चाहिए। भद्र काल में प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि होलिका दहन के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। अगर ऐसा योग नहीं बन रहा है ऐसे में समाप्त होने के बाद होलिका दहन किया जाना चाहिए। भद्रक होने पर होलिका दहन करने से होलिका दहन करने वाले और उनसे जुड़े लोगों का बुरा होता है।