नीतीश को लालू का ऑफर,हमारा दरवाजा खुला है, नीतीश को भी खोलकर रखना चाहिए! साथ आयें,हम माफ कर देंगे!

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हेमंत कुमार /पटना: तो अब बड़े भाई लालू यादव ने छोटे भाई नीतीश कुमार के लिए फिर से दरवाजा खोल दिया है। इसे छोटे भाई को नये साल में बड़े भाई का बड़ा तोहफा की तरह देखा जा रहा है! एक सोशल मीडिया वेबसाइट से नये साल की पहली तारीख को बातचीत में लालू यादव ने कहा,हमारा दरवाजा तो खुला है… नीतीश को भी खोलकर रखना चाहिए। लालू से यह खास बातचीत सामने आने के बाद बिहार की राजनीति में नया बवाल मचाने वाला है।

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अब तक 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश के नेतृत्व को लेकर अमित शाह, गिरिराज सिंह,विजय सिन्हा और जीतनराम मांझी के बयानों को लेकर बवाल मचा हुआ था। नीतीश ने चुप्पी साध रखी थी। इस मसले पर अब भी वह चुप हैं। उन्होंने अपनी ओर से कुछ नहीं कहा है। लेकिन पहली तारीख को उनकी पार्टी जदयू की ओर से पटना के प्रमुख स्थानों पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाये गये। जिस पर लिखा है, ‘2025 फिर से नीतीश’

‘जब बात बिहार की हो,नाम सिर्फ नीतीश का हो!’ माना गया कि नीतीश की पार्टी ने भाजपा नेतृत्व को साफ संदेश दे दिया है कि 2025 के चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश ही होंगे। पोस्टर सामने आने के बाद जब खबर आयी कि नीतीश कुमार की माता परमेश्वरी देवी की पुण्यतिथि पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मुख्यमंत्री के साथ उनके गांव कल्याण बिगहा गये थे,तब चर्चा छिड़ी गयी कि भाजपा नेतृत्व फिलहाल नीतीश को अधिक कुरेदना नहीं बल्कि सहेजना चाह रही है।

नीतीश के नेतृत्व को लेकर जदयू और भाजपा में विवाद है,इस चर्चा पर विराम लगाना चाह रही है। ऐसा ही संकेत देने के लिए राज्यपाल नीतीश के साथ उनके गांव गये हैं।
लेकिन लालू यादव का नये साल की पहली तारीख को आया नया बयान भूचाल मचाने वाला है। लालू ने कहा – “नीतीश आते हैं तो साथ काहे नहीं लेंगे? ले लेंगे साथ! नीतीश साथ में आयें। काम करें!” लालू ने कहा,”नीतीश भाग जाते हैं,हम माफ कर देंगे।”

लालू यादव से यह खास बातचीत खूब वायरल हो रहा है। कहा जा रहा है कि लालू ने एक साथ कई संकेत और संदेश दिया है। वह भाजपा और जदयू के बीच नीतीश के नेतृत्व को लेकर जारी रस्साकसी को चर्चा में बनाये रखना चाहते हैं। जनता और राजनीतिक जगत में यह चर्चा बनी रहे कि भाजपा नीतीश को साफ करना चाह रही है। बिहार में भाजपा का मुख्यमंत्री और भाजपा की सरकार बनाने के मिशन पर काम कर रही है।

इस चर्चा से भाजपा विरोधी वोटरों की गोलबंदी तो होगी ही। साथ में पिछड़ा , अतिपिछड़ा समाज में संदेश जायेगा कि भाजपा पिछड़ा नेता नीतीश को समाप्त कर किसी अगड़ी जाति के नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाह रही है। लेकिन लालू यादव तमाम मतभेदों को भुलाकर नीतीश के पक्ष में खड़े हैं। लालू यादव के आफर के बाद अब देखना है कि भाजपा और जदयू की ओर से कैसी प्रतिक्रिया आती है।