अग्निवीर नियुक्ति योजना का व्यापक विरोध, प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी से निजी और सरकारी संपत्ति क्षतिग्रस्त

ट्रेंडिंग

अग्निवीर योजना का व्यापक विरोध कर रहे बेरोजगार युवको के आंदोलन में घुसे उपद्रवियों ने मचाया उत्पात

बेतिया/ अवधेश कुमार शर्मा: पश्चिम चम्पारण ज़िला मुख्यालय बेतिया में केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना अन्तर्गत सेना की जवानों की भर्ती मामला को लेकर युवाओं ने आंदोलनात्मक रुख अख्तियार किया है। उनका आंदोलन इस समय देश में हिंसक बनता जा रहा है। इसका सर्वाधिक प्रभाव बिहार में देखने को मिल रहा है।

जिला मुख्यालय बेतिया में बेरोजगार युवकों, छात्रों के आंदोलन में शामिल उपद्रवियों ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी की घटना को अंजाम दिया। इसी क्रम में उपाद्रियों ने पश्चिम चम्पारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, बेतिया विधायक सह बिहार सरकार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के घर एवं गाड़ियों को क्षतिग्रस्त किया। लौरिया विधायक विनय बिहारी की गाड़ी पर छावनी में पथराव किया गया जिससे उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गयी और उन्हें चोट पहुंची। इसके अतिरिक्त बेतिया के कई पेट्रोल पंप, बेतिया रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सरकारी कार्यालयों, सरकारी भवनों,प्रतिष्ठानों को क्षतिग्रस्त करने की खबर मिली है। बेरोजगार युवाओं के आंदोलन में घुसे उपद्रवियों ने बेतिया के छोटे-बड़े दुकानों को जबरन बंद भी कराय।

निहत्थे आंदोलनकारियों की भीड़ में बड़ी संख्या में उपद्रवियों ने हाथ में प्लास्टिक पाइप, लाठी डंडा, हॉकी स्टिक, बल्ला से निजी और सरकारी संपत्ति को क्षति पहुँचाया। जिला मुख्यालय बेतिया के आमजन,प्रबुद्धजन, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि भाजपानीत केंद्र की मोदी सरकार ने अग्नीवीर जैसी सेना बहाली के प्रावधान, नियम व कानून को लागू करके बेरोजगार युवकों,सेना में भर्ती होने वाले नौजवानों को जानबूझकर उकसाया है।

यह आंदोलन और आंदोलन में शामिल उपद्रवी तत्वों को सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंची, ट्रेनों में आग लगाई गई, स्टेशन को बर्बाद करने, सरकारी संपत्ति में तोड़फोड़ कर क्षति पहुंचाने,ट्रेन व बस सेवा को बंद करने पर सरकार ही मजबूर कर रही है। इसमें असामाजिक तत्वों के साथ साथ, छात्रों, युवकों, सेना में भर्ती होने वाले युवकों को उकसा कर ऐसे कुकृत्य की जितनी भी निंदा की जाए कम होगी। अब देश के मुद्दाविहीन विपक्ष को भारत सरकार ने एक मुद्दा थमा दिया है। जिससे भाकपा माले और अन्य विपक्षी दलों ने नए आंदोलन का सूत्रपात किया है।