दुर्व्यवहार के आरोप गलत बताते हुए मुंबई पुलिस कमिश्नर ने शेयर किया सीसीटीवी फुटेज, थाने में चाय पी रही थीं नवनीत राणा!

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मुंबई/सेंट्रल डेस्क। सांसद नवनीत राणा ने महाराष्ट्र पुलिस पर जो गंभीर आरोप लगाए थे, उन पर अब मुंबई के कमिश्नर ऑफ पुलिस ने पलटवार किया है। मुंबई पुलिस कमिश्नर ने एक सीसीटीवी टीवी फुटेज शेयर किया है। जिसमें सांसद थाने में चाय या कॉफी पीती दिख रहीं हैं। उन्होंने फुटेज को खार पुलिस स्टेशन का बताया है।

फुटेज में निर्दलीय सांसद नवनीत राणा, पति और विधायक रवि राणा थाने में बैठकर चाय या कॉफी पीते नजर आ रहे हैं। हालांकि बिफोरप्रिंट इसकी पुष्टि नहीं करता। अभी एक दिन पहले ही सांसद श्रीमती राणा ने लोकसभा स्पीकर को एक पत्र लिखा था, इसमें उन्होंने मुंबई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। स्पीकर ने इसी के तहत 24 घंटे में पुलिस को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। सोमवार को नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी।

क्या था स्पीकर को चिट्ठी का मजमून

नवनीत राणा ने चिट्ठी में लिखा कि मुझे 23 तारीख को थाना लाया गया। 23 अप्रैल को मुझे पूरी रात पुलिस स्टेशन में ही गुजारनी पड़ी। रात को कई बार पीने के लिए पानी मांगा, लेकिन पानी नहीं दिया गया।

नवनीत ने आरोप लगाते हुए कहा कि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति की हूं,  इसलिए वह मुझे उस ग्लास में पानी नहीं पीने दे सकते, जिसमें वे खुद पीते हैं। मतलब मुझे मेरी जाति की वजह से पीने के लिए पानी तक से वंचित कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि ‘मैं यह जोर देकर कहना चाहती हूं कि मेरी जाति की वजह से मुझे बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा गया।’  नवनीत आगे कहती हैं कि ‘मुझे रात को बाथरूम भी नहीं जाने दिया गया। फिर मुझे गाली भी दी गई।’

क्यों हुई गिरफ्तार अमरावती की सांसद

लाउडस्पीकर विवाद के बीच अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने पति के साथ शुक्रवार को उद्धव ठाकरे के घर ‘मातोश्री’ के  बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था। राणा दम्पति के इस ऐलान के बाद सुबह से ही उनके घर के बाहर शिवसैनिक भारी संख्या में जुट गए। शिवसैनिकों ने राणा दंपति पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। पुलिस में दर्ज शिकायत में शिवसैनिकों ने कहा उनके लिए ‘मातोश्री मंदिर की तरह है’। शिवसैनिकों ने कहा कि राणा दंपति ने उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई। शिवसैनिकों की शिकायत के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 ए (धर्म, जाति या भाषा के आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए) के तहत मामला दर्ज किया है।

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