बीजेपी से नीतीश का जारी है ‘शीतयुद्ध’, लालू-तेजस्वी दोनों दलों के बीच में लड़ाई की खाई को चौड़ा करने में जुटे!

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हेमंत कुमार/पटना: झगड़ा, मतभेद, मनमुटाव जो चाहे कह लीजिए! यह सब बीजेपी और नीतीश के बीच चल रहा है। बीजेपी के चाणक्य अमित शाह,बीजेपी के फायर ब्रांड नेता केंद्र सरकार में मंत्री और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा समेत कई नेताओं के बयानों से नीतीश की नाराज़गी की खबरें चल रही है। बिहार विधानसभा चुनाव- 2025 एनडीए किसकी अगुवाई में लड़ेगा! मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश होंगे या नहीं! ये सवाल बीजेपी नेताओं के बयान से पैदा हुए हैं। इसमें राजद का हाथ तो है नहीं!

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ऐसे में संकट में तो बीजेपी और नीतीश का रिश्ता है! राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी होने के नाते लालू और तेजस्वी इस संकट को बढ़ाने में लगे हैं। नीतीश को लेकर तेजस्वी और लालू का बयान एक दूसरे को सपोर्ट करता दिखता है न कि खिलाफ जाता लगता है। तेजस्वी कह रहे हैं कि 2025 में चाचा की विदाई तय है,तो इसका साफ साफ मतलब है कि नीतीश अब ड्राइविंग सीट पर नहीं रहेंगे।

विपक्षी दल होने के नाते राजद तो उनको हटाना चाहता ही है। लेकिन इस काम में नीतीश की सहयोगी बीजेपी भी लगी हुई है। असली कहानी यही है जिसे तेजस्वी और लालू अपने – अपने ढंग से बता रहे हैं। तेजस्वी बता रहे हैं कि नीतीश के पलटने और पाला बदलने की जो खबरें चल रही है,उसमें उनका या उनकी पार्टी का कोई हाथ नहीं है।

इसके पीछे बीजेपी है जिसने नीतीश कुमार को 2020 में कमजोर किया। उनकी पार्टी को तीसरे नंबर की पार्टी बना दिया।अब वह उन्हें किनारे लगाने में जुटी है। दूसरी ओर लालू यादव कह रहे हैं कि नीतीश को बीजेपी के साथ परेशानी हो रही है। उनको ठिकाने लगाया जा रहा है तो उनके लिए हमारा दरवाजा खुला है। नीतीश अपना दरवाजा भी खोलकर रखें। इधर आ जायें। साथ रहें । हम उनको माफ कर देंगे।

लालू के बयान का भी मतलब दिखाना है कि नीतीश बीजेपी के कारण मुश्किल में हैं। इस मुश्किल घड़ी में वह उनसे सहानुभूति जता रहे हैं। उनकी गलतियों की माफी दे रहे हैं। साथ रहने की सलाह दे रहे हैं। मतलब यह है कि नीतीश इधर आ जायें। बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ें। लालू ने तो यह नहीं कहा है कि आप इधर आ जाइए। मिलकर सरकार बनाते हैं। आपको मुख्यमंत्री बना देंगे। आगे भी आपको मुख्यमंत्री बनाये रखेंगे! उनका इशारा यह है कि नीतीश खतरे में है तो इधर आ जायें।