स्टेट डेस्क: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में 14 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें छह फरियादी, खाना बनाने आए होटल के पांच कर्मचारी और तीन सिपाही शामिल हैं। एंटीजन टेस्ट में इतनी बड़ी संख्या में लोगों में संक्रमण मिलने पर अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
गौरतलब है कि जनता दरबार में सीएम के पास जाने से पहले फरियादियों की कोरोना जांच कराई जाती है. उधर, बताया जा रहा है कि जनता दरबार में मुख्यमंत्री के भी गले में खराश देखने को मिली। सीएम ने अपने स्टाफ से गर्म पानी मंगवाकर पिया। वह यह कहते सुने गए कि गर्म पानी पिलाइए गले में दिक्कत है। पानी पीने के बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत चाय भी मंगाई।
इसी दौरान मुख्यमंत्री के कक्ष में प्रवेश से पहले एंटीजन किट से कराई गई जांच में छह लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मुख्यमंत्री, सचिवालय के संवाद कक्ष में आयोजित जनता दरबार में गृह, पुलिस, कारा, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान एवं भूतत्व विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे थे। शिकायतें सुन रहे हैं।
जीतनराम मांझी की सलाह- स्थगित कर दें जनता दरबार
इस बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने सलाह दी कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जनता दरबार को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया जाए।
उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर पर की आशंका पर चिंता जताई। जीतनराम मांझी ने एक ट्वीट के जरिए सीएम नीतीश को जनता दरबार स्थगित करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़े संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सीएम से आग्रह है कि जनता दरबार कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित रखा जाए। राज्यहित में यह कारगर फैसला होगा।
5 दिन में 5 गुना बढ़ गई कोरोना की रफ्तार
बिहार में पिछले 5 दिन में ही कोरोना की रफ्तार 5 गुना बढ़ चुकी है। 29 दिसंबर को राज्य में जहां कोविड-19 के 77 केस सामने आए थे तो 2 जनवरी को सूबे में 350 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए। बिहार में 29 दिसंबर को 77 लोग कोरोना से संक्रमित मिले तो अगले ही दिन 30 दिसंबर को 132 नए मरीज सामने आए। साल के पहले दिन 1 जनवरी को नए मरीजों की संख्या बढ़कर 281 हो गई तो 2 जनवरी को राज्य में 352 केस सामने आए। इस तरह देखें तो 5 दिन में 24 घंटे में सामने आने वाले नए मरीजों की रफ्तार करीब 5 गुना बढ़ चुकी है।