Adarsh : कानपुर मेट्रो में चुन्नीगंज-नयागंज भूमिगत सेक्शन के अंतर्गत नयागंज मेट्रो स्टेशन के प्लेटफॉर्म लेवल के कास्टिंग का कार्य आरंभ हो गया। टॉप-डाउन प्रणाली से निर्मित हो रहे इस भूमिगत स्टेशन का यह आखिरी तल होगा। बड़ा चौराहा से नयागंज के तरफ आगे बढ़ रहे ‘नाना‘ और ‘तात्या‘ टीबीएम को बाहर निकालने के लिए रिट्रीवल शॉफ्ट बनाया जाएगा। बाद में यह शॉफ्ट नयागंज मेट्रो स्टेशन का हिस्सा बन जाएगा।
लगभग 225 मीटर लंबे और 22.3 मीटर चौड़े नयागंज मेट्रो स्टेशन के रूफ और कॉनकोर्स स्लैब के कास्टिंग का कार्य पहले ही आरंभ किया जा चुका है। रूफ स्लैब यानि कि स्टेशन की छत के कास्टिंग का कार्य लगभग 60 प्रतिशत और कॉनकोर्स स्लैब का लगभग 40 प्रतिशत पूरा किया जा चुका है। प्लेटफॉर्म लेवल पर कास्टिंग के लिए स्कोप ऑफ वर्क के अंतर्गत 15 प्रतिशत हिस्से पर खुदाई की जा चुकी है।
बड़ा चौराहा से नयागंज की ओर भूमिगत टनल बनाते हुए ‘नाना‘ टीबीएम 650 मीटर और तात्या टीबीएम 230 मीटर तक आगे बढ़ गए हैं। लगभग 990 मीटर लंबे टनल निर्माण के बाद दोनो ही टीबीएम को एलआईसी बिल्डिंग पर बने रिट्रीवल शॉफ्ट से बाहर निकाला जाएगा। इन मशीनों को पुनः चुन्नीगंज में बने लॉन्चिंग शॉफ्ट से खुदाई के लिए अंदर भेजा जाएगा। जहां से नवीन मार्केट मेट्रो स्टेशन होकर आगे बढ़ते हुए बड़ा चौराहा मेट्रो स्टेशन तक टनल का निर्माण करेंगी।
बता दें कि चुन्नीगंज-नयागंज भूमिगत सेक्शन के चारों मेट्रो स्टेशन टॉप-डाउन प्रणाली से तैयार किए जा रहे हैं। यानी निर्माण प्रक्रिया ऊपर से नीचे की ओर की जा रही है। भूमिगत स्टेशन का कॉनकोर्स लेवल यानि पहला तल जहाँ पर टिकट काउंटर्स एवं सुरक्षा जांच बूथ आदि यात्री सुविधाएं होती हैं। उपरिगामी स्टेशनों के कॉनकोर्स लेवल के ठीक विपरीत सड़क से एक तल नीचे होता है। इन स्टेशनों पर टॉप-डाउन प्रणाली से निर्माण के तहत सबसे पहले ऊपरी भाग यानी स्टेशनों के छत की ढलाई होती है, जिसके बाद कॉनकोर्स लेवल और फिर बेस लेवल का निर्माण होता है।
बेस लेवल पर ही स्टेशन के प्लेटफॉर्म को बनाया जाता है। इस लेवल तक निर्माण सामग्रियों और एस्केवेटर मशीनों को पहुुंचाने के लिए प्रत्येक लेवल पर कटआउट्स बनाए गए हैं। निर्माणाधीन स्टेशन पर चल रहे काम से ट्रैफ़िक कम से कम प्रभावित हो। इसके बाद सड़क के नीचे स्टेशन का निर्माण कार्य चलता रहेगा और सड़क पर वाहनों की आवाजाही भी सुचारू रूप से जारी रहेगी।