स्टेट डेस्क: बिहार के तीन जिलों में अलग-अलग जगहों पर 30 लोगों की मौत शनिवार और रविवार को संदिग्ध हालात में हो गई। उल्टी, दस्त और पेटदर्द के लक्षण सबमें पाये गये। मृतकों में 17 भागलपुर जिले के, 11 बांका जिले के और दो मधेपुरा जिले के हैं।
बीमार चल रहे कुछ लोगों के आंख की रोशनी भी कम हो गयी है। भागलपुर में दो मृतकों के परिजनों ने बताया कि शराब पीने के बाद मौत हुई है। हालांकि प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। भागलपुर शहरी क्षेत्र के साहेबगंज में गुस्साए लोगों ने रविवार सुबह हंगामा किया और चार घंटे तक सड़क को जाम रखा।
भागलपुर में होली के मौके पर शराब पीने से सभी की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। शराब से मौतों की चर्चा के बाद डीएम और एसएसपी रविवार शाम विश्वविद्यालय थाना पहुंचे। पुलिस ने कई इलाकों में शराब को लेकर छापेमारी शुरू कर दी है। कई लोगों को हिरासत लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। इससे पहले सुबज सात बजे मृतकों के परिजन मुआवजा तथा शराब के धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़क पर बैठ गए। चार घंटे बाद पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों के समझाने के बाद लोग सड़क से हटे।
भागलपुर शहरी क्षेत्र में पांच लोगों के अलावा, नारायणपुर में चार, गोराडीह में तीन, कजरैली में तीन, नवगछिया के परबत्ता में एक और शाहकुंड में एक व्यक्ति की मौत हुई है। मृतकों में रेलकर्मी और पूर्व सैनिक भी शामिल हैं। भागलपुर के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि मौत के कारणों का पता लगाने के लिए दो शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है। कई परिवार वालों ने बीमारी से मौत की बात लिखकर दी है। अन्य परिवारों से संपर्क किया जा रहा है। शराब का धंधा करने वालों के विरुद्ध छापेमारी की जा रही है।
बांका में एक ही प्रखंड में सारी मौतें
बांका जिले के अमरपुर प्रखंड प्रखंड के अलग-अलग गांवों में रविवार को संदिग्ध अवस्था में 11 लोगों की मौत हो गई। सूचना मिलने पर एसडीपीओ दिनेश चंद्र श्रीवास्तव एवं एसडीएम डॉ. प्रीति ने गांवों में जाकर घटना की जानकारी ली। पीड़ित परिजनों के अनुसार, शनिवार रात सभी लोग पेट दर्द, उल्टी होने एवं आंखों की रोशनी चले जाने की शिकायत कर रहे थे। स्थिति गंभीर देख परिजनों ने रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया तो कोई अपने मरीज को लेकर भागलपुर चला गया। रविवार की सुबह से ही बुरी खबरों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर बाद तक मृतकों की संख्या 11 तक पहुंच गई। आधा दर्जन से अधिक का अभी भी इलाज चल रहा है।