वित्तीय प्रबंधन बेहतर करने को सख्त होंगे प्रावधान, 6 साल बाद बजट मैनुअल में संशोधन की तैयारी

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स्टेट डेस्क: बिहार में वित्तीय प्रबंधन बेहतर करने के लिए राज्य सरकार सख्त प्रावधान लागू करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए छह साल बाद बजट मैनुअल में संशोधन किए जाएंगे। वित्त विभाग ने संशोधन का प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसे अंतिम रूप देकर जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल की सहमति के लिए भेजा जाएगा। प्रस्तावित संशोधन में सरकारी विभागों से लेकर जिला प्रशासन और ट्रेजरी से लेकर एजी तक की प्रक्रिया को अनियमितता की आशंका से फूलप्रूफ करने की कोशिश की गई है। 

बजट मैनुअल में प्रस्तावित बदलाव के बाद ट्रेजरी के स्तर पर किसी तरह की गड़ब़ड़ी की आशंका समाप्त हो जाएगी। विभाग के स्तर पर फाइनल होने के बाद किसी भी बिल में ट्रेजरी के स्तर पर कोई भी बदलाव संभव नहीं होगा। वहीं राज्य सरकार की ऑनलाइन वित्तीय प्रबंधन प्रणाली महालेखाकार कार्यालय से भी जुड़ जाएगी। इससे ऑनलाइन ही मासिक लेखा एजी के पास चला जाएगा, जहां से समय रहते गड़बड़ियों की पहचान आसान हो जाएगी। 

चारा घोटाले के बाद राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर किए गए संशोधनों के बाद विभागों के स्तर बड़ी अनियमितता काफी हद तक नियंत्रण में है। परंतु, विश्वविद्यालय, नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं की सार्वजनिक वित्तीय प्रणाली को लेकर शिकायत आती रही है। बजट मैनुअल के प्रस्तावित संशोधन में इसपर खास तौर से फोकस किया गया है। इन सरकारी निकायों के लिए सरकार उनके भौतिक और मानव संसाधन का ऑनलाइन डाटा बेस तैयार कर उसे राज्य सरकार की बजट प्रबंधन प्रणाली से जोड़ देगी।