CM नीतीश पर रादद में रार, जगदानंद सिंह ने दिया ‘प्यार’ तो तेजस्वी ने लगाई ‘फटकार’, कहा- गलतफहमी मत पालें

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पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि वो जेडीयू (JDU) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कभी हाथ नहीं मिलाने वाले. प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बयान के बाद जारी कयासों पर विराम लगाते हुए उन्होंने कहा कि गलतफहमी पालने की जरूरत नहीं है.

जगदानंद सिंह ने जातीय जनगणना को लेकर बातें कही थीं. जातीय जनगणना का तो बीजेपी (BJP) ने भी साथ दिया था, तो क्या पार्टी बीजेपी से मिल जाएगी. हमलोग झूठी-फर्जी पार्टी नहीं है. हम घुटने नहीं टेकेंगे. हमें कुर्सी का लोभ नहीं है. हम सिद्धांत से समझौता कभी नहीं करेंगे. नीतीश कुमार की तो नीति, सिद्धान्त और अंतरात्मा बंगाल की खाड़ी में डूब मरी है. तीसरी नंबर की पार्टी में जाने का कोई मतलब नहीं है.

सर्वदलीय बैठक की कोई जरूरत नहीं

जातीय जनगणना पर जारी विवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना की मांग को लेकर बिहार विधानमंडल से दो-दो बार प्रस्ताव पारित किया गया. बीजेपी भी इसमें शामिल थी. बाद में पार्लियामेंट में कहा गया कि जातीय जनगणना नहीं कराना चाहते. ऐसे में हमने राज्य सरकार से केवल बिहार में ही अन्य राज्यों के तरह अपने खर्चे से जातीय जनगणना कराने की बात कही.

मुख्यमंत्री से कहा कि वो इस बाबत घोषणा कर दें. लेकिन सर्वदलीय बैठक की बात की गई. तो बैठक करनी चाहिए थी. पता चल जाता कौन आया कौन नहीं. लेकिन हम अगर मुख्यमंत्री की जगह पर होते तो सर्वदलीय बैठक क्यों बुलाते. जब बिहार विधानसभा से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो चुका है तो इसकी क्या जरूरत है. हम तो घोषणा करते.

नीतीश कुमार पर लगाए गंभीर आरोप

तेजस्वी ने कहा, ” मुख्यमंत्री सरकार का हेड होता है. बीजेपी तो सरकार का हिस्सा है.” दोनों पार्टियों के बीच जारी खींचतान पर उन्होंने कहा कि मुझे दोनों पार्टियों के बीच क्या चल रहा इससे कोई मतलब नहीं है. हम मुद्दे की बात कर रहे. जब प्रस्ताव पारित हो चुका है तो कौन रोके हुए है. मुख्यमंत्री की पलटी मारने की आदत है. उन्होंने कहा था कि मिट्टी में मिल जाऊंगा भाजपा में नहीं मिलूंगा.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ” असल में मुख्यमंत्री में कलेजा नहीं है और होगा भी नहीं. वो कुछ नहीं कराएंगे. ये तो आरएसएस की गोद में बैठे हुए हैं. पूरी तरीके से संघ का चोला पहने हुए हैं और भारी डरपोक हैं. वो एक थके हुए और डरपोक मुख्यमंत्री हैं. इनको देशहित और जनता हित से कोई मतलब नहीं है. केवल अपना इंटरेस्ट है कि कुर्सी पर कैसे बने रहें. बिहार आज सबसे पीछे है. क्योंकि नीतीश कुमार की सरकार है.”