राकेश टिकैत की मान मनौव्वल फेल, भारतीय किसान यूनियन में 11 वीं बार हुई दो फाड़, जानिए नए संगठन में किसको, क्या पद मिला

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नई दिल्ली, बिफोरप्रिंट। भारतीय किसान यूनियन में 11वीं बार दो फाड़ हो गई। वह भी ऐन महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि के रोज। इसे बचाने के लिए राकेश टिकैत ने जी जान से मान मनौव्वल की। पर सब फेल। यूनियन के खफा पदाधिकारियों ने भाकियू (अराजनैतिक) के गठन की घोषणा करते हुए राजेश चौहान को इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया। नए संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन महेंद्र टिकैत के मूल सिद्धांतों से भटक गई है। ऐसे में नया संगठन बनाना जरूरी था।

बहुत पुराने किसान नेता इस नए संगठन में जुड़ने से इसे भाकियू के लिए एक बड़ा झटका कहा जा सकता है। भाकियू में इससे पहले भी 10 बार दो फाड़ हो चुका है। महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर लखनऊ के गन्ना संस्थान में रविवार को विचार गोष्ठी चल रही थी। इसे गोष्ठी में कार्यकर्ताओं ने नए संगठन का एलान कर दिया। इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए राजेश सिंह जो पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे।

इसके अलावा मांगेराम त्यागी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अनिल तालान को राष्ट्रीय महासचिव, हरिनाम सिंह वर्मा को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। वहीं  राजवीर सिंह को प्रदेश उपाध्यक्ष, चौधरी दिंगबर सिंह को युवा प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया। नए संगठन में राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद धर्मेंद्र मलिक को मिला है। साथ ही गठवाला और मलिक खाप के चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक को यूनियन का संरक्षक बनाया गया है। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह ने नए संगठन के सभी पदाधिकारियों को भाकियू से बर्खास्त कर दिया है।

उधर, राजेश चौहान ने कहा कि भाकियू राजनीतिक संगठन बनकर रह गई है। बाबा महेंद्र टिकैत का कहना था कि भाकियू कभी किसी भी राजनीतिक दल या दलों का न प्रचार करेगी और न समर्थन देगी। हाल के किसान आंदोलन तक इसका पालन भी किया गया। पर, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सब कुछ बदला-बदला दिखा। भारतीय किसान यूनियन की ओर से पार्टी विशेष के समर्थन में बयानबाजी की गई। हरिनाम सिंह वर्मा ने कहा कि संगठन में न लोकतंत्र बचा है न ही किसानों के वास्तविक मुद्दों को सरकार के सामने उठाया का माद्दा।

वहीं, भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि उन्होंने दो दिन दो फाड़ पर आमादा किसान नेताओं को समझाया पर वे नहीं माने। ये लोग प्रदेश की सरकार से डर गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राजेश चौहान के नाम पर जिस कोठी का आवंटन है उसका भी बकाया राशि का कोई चक्कर है।

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