नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को कानूनी नोटिस भेजा है। उन्हें चेतावनी दी है कि अगर पुलिस ने 5 मार्च को आरएसएस के जुलूस को अनुमति नहीं दी तो उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज कराया जाएगा। संघ के जी. सुब्रमण्यम द्वारा अधिवक्ता बी. राबू मनोहर के माध्यम से इस संबंध में डीजीपी को कानूनी नोटिस भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि 10 फरवरी की खंडपीठ के आदेशों के बाद, तीन तारीखों- 12 फरवरी, 19 और 5 मार्च को मार्च आयोजित करने की अनुमति मांगी गई थी और एक प्रतिनिधित्व इस संबंध में 11 फरवरी को पुलिस को दी गई थी।
हालांकि, सुझाव के अनुसार फरवरी में पड़ने वाली दो तारीखों के लिए अनुमति नहीं दी गई थी। कानूनी नोटिस में आगे कहा गया है कि अगर डीजीपी 5 मार्च को होने वाले कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं देते हैं, तो संगठन उनके खिलाफ कोर्ट के फैसले की अवज्ञा के लिए कोर्ट की अवमानना का मामला दायर करेगा। क्योंकि न्यायमूर्ति आर. महादेवन और मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने पत्र पेटेंट अपील की अनुमति देते हुए एकल न्यायाधीश के पहले के एक आदेश को रद्द कर दिया था। पहले जटिल परिसर के भीतर कार्यक्रम को प्रतिबंधित कर दिया था। खंडपीठ ने उस फैसले को पलट दिया था।
डिवीजन बेंच ने आरएसएस के पदाधिकारियों को रूट मार्च आयोजित करने के लिए तीन अलग-अलग तारीखों के साथ संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने का निर्देश दिया था। साथ ही अधिकारियों को चुनी हुई तारीखों में से एक पर अनुमति देने का निर्देश दिया गया था। प्रारंभ में, आरएसएस ने गांधी जयंती पर रूट मार्च की अनुमति मांगी, लेकिन पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी। इसके बाद, संगठन ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने पुलिस को मार्च की अनुमति देने का निर्देश दिया गया। मगर पुलिस ने फिर से इनकार कर दिया, जिससे आगे मुकदमेबाजी हुई।