Kanpur, Beforeprint : गुरुवार दोपहर जीएसवीएम मेडिकल कालेज के गर्ल्स हास्टल के निरीक्षण के दौरान महापौर प्रमिला पांडेय ने यहां की पूर्व वार्डन और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष प्रो. नीना गुप्ता को आड़े हाथ लेते हुए यह तल्ख टिप्पणी की। मेडिकल कालेज के हास्टल में फैली गंदगी ने एक बिटिया की जान ले ली।हास्टलों में सफाई कराने की बात कह रही हो अंदर जाकर देखा है कितनी गंदगी में बच्चियां रह रही हैं। यहां की सफाई का हाल देखा।
ऐ डाक्टर…क्या इस गंदगी में अपनी बच्ची को रखोगी। अपने काम न गिनाओ, अपना नाम बताओ। मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री से मिलकर यहां की कारगुजारी बताऊंगी।’ मेडिकल कालेज परिसर व हास्टलों में गंदगी, सीवर भराव और अव्यवस्थाओं के चलते स्वाइन फ्लू और डेंगू का प्रकोप फैला हुआ है। इससे संक्रमित एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा पाखी की जान चली गई लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इससे सबक नहीं लिया।
गुरुवार को महापौर प्रमिला पांडेय ने विभिन्न छात्रावासों (बीएच-वन, टू और थ्री) का निरीक्षण करने पहुंच गईं। अंदर गंदगी का अंबार लगा था। टायलेट और किचन का भी बुरा हाल मिला। पीजी हास्टल के सामने से होते हुए पीछे की तरफ गईं, जहां सीवर के गंदे पानी में सूअर लोट रहे थे। इस दौरान महापौर के साथ प्राक्टर प्रो. यशवंत राव, असिस्टेंट वार्डन प्रो. लुबना खान, डा. पविका पाल, बीएच-वन के वार्डन प्रो. आनंद कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अजय कुमार, डा. चन्द्रशेखर एवं डा. अमित सिंह मौजूद रहे। प्राचार्य संजय काला के वहां नहीं पहुंचने से भी महापौर नाराज नजर आईं।
गंदगी देख नाराज महापौर ने सवाल उठाए तो मेडिकल कालेज प्रशासन के अधिकारियों और सफाई निरीक्षक में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। सफाई निरीक्षक महेंद्र यादव और शक्ति रावत ने कहा कि इसके लिए परिसर प्रभारी और हास्टलों के वार्डन जिम्मेदार हैं। इस पर प्राक्टर प्रो. यशवंत राव ने ऐतराज जताया। महापौर ने सफाई निरीक्षक से पूछा कि मेडिकल कालेज में कितने सफाईकर्मी हैं। सफाई निरीक्षक ने बताया कि 22 स्थायी कर्मचारी हैं। इस पर महापौर ने सभी की परेड करा दी, जिसमें आधे यानि 11 ही उपस्थित मिले। इसमें भी 11 में से छह सफाईकर्मी दूसरे नाम से काम करते पाए गए।
नियमित कर्मचारियों की जगह पर दैनिक वेतनभोगी 12 कर्मचारी लगे हुए थे। वहीं, 11 अनुपस्थित कर्मचारियों के बारे में सही जानकारी नहीं दी जा सकी। आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक कर्मचारी ने महापौर को बताया कि मेडिकल कालेज के परिसर प्रभारी प्रो. आनंद नारायण सिंह की लखनऊ के गोमती नगर में लैब है। यहां के 10 कर्मचारियों और नान पीजी डाक्टर को वहां लगा रखा है। मेडिकल कालेज परिसर में अवैध कब्जे भी हैं। परिसर में 2500 झुग्गी और झोपड़ी हैं, जो गंदगी फैलाते हैं। महापौर को बताया गया कि मेडिकल कालेज के जूनियर इंजीनियर विद्युत व उनके कर्मचारी इन झोपड़ियों में बिजली-पानी उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में वरिष्ठ डाक्टरों व कर्मचारियों ने सरकारी आवास में जानवर पाल रखे हैं। कई चिकित्सक व कर्मचारियों के घरों में कुत्ते हैं।
प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि मेडिकल कालेज में आउटसोर्सिंग कंपनी से तैनात 11 सफाई कर्मचारी लगातार लापरवाही बरत रहे थे। इसलिए उनकी सेवा समाप्त करने के लिए कंपनी को लिखा है। उनकी अब मेडिकल कालेज में तैनाती नहीं की जाएगी। मेडिकल परिसर के अंदर की सफाई व्यवस्था प्राक्टर व वार्डन देखेंगे। बाहर की कैंपस प्रभारी के जिम्मे होगी। इसमें लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी। 50 हाइड्रोलिक डस्टबिन, तीन बंद होने वाले कूड़ाघर बनाए जाएंगे।
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