सेंट्रल डेस्क: हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट में आज भी कोई फैसला नहीं हो पाया। अदालत ने सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी है। इसके साथ ही अदालत ने केस की सुनवाई करते हुए मीडिया से अपील की कि वह जिम्मेदारी के साथ रिपोर्ट करे।
हिजाब की मांग करने वाली छात्राओं का पक्ष रखने वाले वकील ने कहा कि सरकार की ओर से रोक का आदेश गलत है। वकील देवदत्त कामत ने कहा कि हिजाब पर सरकारी आदेश अनुच्छेद 25 (1) का उल्लंघन है और वैधानिक रूप से गलत है। उन्होंने कहा कि कॉलेज कमिटी का डेलिगेशन यह तय करेगा कि हिजाब को मंजूरी है या फिर यह पूरी तरह से अवैध नहीं है। याची ने सोमवार को एक बार फिर से दोहराया कि हिजाब पहनना धार्मिक परंपरा का हिस्सा है।
सीनियर एडवोकेट कामत ने कहा कि मुस्लिम छात्राओं को केंद्रीय विद्यालयों में हिजाब पहनने की अनुमति रही है। उन्होंने कबा कि दो हाई कोर्ट्स ने अपने फैसले में हिजाब को अनुमति दी है। राज्य को भी यह आजादी देनी चाहिए। अदालत ने पूछा कि आखिर कब से संस्थानों में छात्राएं हिजाब पहन रही हैं? इस पर वकील कामत ने कहा कि छात्राएं बीते दो सालों से हिजाब पहन रही हैं। कामत ने कहा कि छात्राएं अपने सिर को ढकने अलावा कोई और मांग नहीं कर रही हैं।