स्टेट डेस्क: ‘बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले…’ खुद को ‘सन ऑफ मल्लाह’ कहने वाले मुकेश सहनी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। पहले राजद ने नाता तोड़ा, अब NDA ने भी मंत्री पद से हटा दिया। मुकेश सहनी अब विधानसभा की दहलीज पर कदम नहीं रख सकते हैं। अब वह एक साधारण MLC रह गए हैं। सिर्फ विधान परिषद की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। महीने भर में ही सहनी का रुतबा अर्श से फर्श पर आ गया है।
बिहार विधानसभा का बजट सत्र 25 फरवरी से शुरू हुआ था। उस समय VIP सुप्रीमो मुकेश सहनी मंत्रिमंडल का हिस्सा थे। 28 फरवरी को उनके ‘पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग’ का बजट भी पढ़ा गया। बजट सत्र के दौरान मुकेश सहनी कभी विधानसभा में होते थे और कभी उत्तर प्रदेश के चुनाव मैदान में। लेकिन अब एक माह गुजरते-गुजरते मुकेश सहनी का मंत्री पद ही छीन गया।
अब वह ना तो विधानसभा जा सकते हैं, ना ही उनकी सुरक्षा का तामझाम रह सकता है। विधान परिषद के अपने 20 महीने के कार्यकाल में मुकेश सहनी 18 महीने मंत्री रहे, लेकिन आने वाले दिनों में वह MLC भी रह पाएंगे, इस पर शक है।