सेंट्रल डेस्क: श्रीलंका इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। राष्ट्रपति दफ्तर के सामने प्रदर्शनकारियों ने तंबू गाड़ दिए हैं। प्रदर्शनकारी मौजूदा आर्थिक संकट के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सरकार की नीतियों को जिम्मेदार बता रहे हैं।
राष्ट्रपति गोटबाया अपने पद पर डटे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों की अधिकतर मांगें मान ली हैं। हालांकि, मुश्किल के इस समय में राष्ट्रपति राजपक्षे ने मीडिया से दूरी बनाई है और अब तक कोई इंटरव्यू नहीं दिया है।
भारत जिस भी तरह से मदद करेगा, उसका अंतिम असर हमारी अर्थव्यवस्था पर ही होगा, क्योंकि इस समय हमें सर्वाधिक आर्थिक मदद की ही जरूरत है। इसका ये मतलब ये नहीं है कि हम भारत से समूचा रेस्क्यू पैकेज मांग रहे हैं।
लेकिन भारत अकेले हमारी मदद नहीं कर सकता है। IMF और वर्ल्ड बैंक को भी हमारी मदद करनी चाहिए। एशियन डेवलपमेंट बैंक, अमेरिका, चीन और जापान को भी हमारी मदद करनी चाहिए, क्योंकि वो भी हमारे सहयोगी हैं।