असोहा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का ऐसा बाबू जो महीने में केवल चार दिन ही ड्यूटी करता है, अधिकारियों की हिम्मत नहीं कि इस बाबू से इस बाबत बात भी कर सके

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असोहा/उन्नाव/अशोक तिवारी। लखनऊ राजधानी क्षेत्र से सटा जनपद का असोहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यहां के स्टाफ का चारा गाह सा बनकर रह गया है। ड्यूटी पर आना न आना या देरसे आना जल्दी जाना यहां के स्टाफ का रवैया सा बन गया है।

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लेकिन इससे भी ज्यादा यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का बाबू इस समय चर्चा में है,यह बाबू तो महीने में केवल चार दिन ही यहांपर अपनी तसरीफ रखता है स्टाफ की मानें तो यह बाबू मांह में आज तक पांच दिन भी नहीं आया ,स्टाफ के लोगों ने अपना नाम न गोपनीय रखने की सर्त पर बताया कि,यह बाबू बस्ती का रहने वाला है सात आठ महीने पहले ही यहां पर नियुक्ति मिली है।

गौर करने योग्य बात तो यह है कियह बाबू कब आता है कब नहीं आता यहां के प्रभारी चिकित्सक वीपी सिंह को पता नहीं नहीं सीएओ को मालूम एक रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मचारी ने तो भावुक होकर बताया कि,इस बाबू ने कागज बनाने के नाम पर उसको कितना दौड़ाया और बाद में सुविधा शुल्क लेकर ही उसके रिटायर मेन्ट के कागज बन सके। इस बाबत पूछने के लिए जब सीएमओ को फोन किया गया तो उनका फोन हर बार बिजी जाता रहा। असोहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अधीक्षक ने कहा कि, उन्होंने बाबू को कयी बार ड्यूटी की बाबत समझाया पर हरबार बहाना बनाता है।