स्टेट डेस्क: पटना हाईकोर्ट ने माननीयों से संबंधित मामलों की सुनवाई की समय सीमा तय कर दी है। साथ ही सभी मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाने का आदेश राज्य सरकार सहित सभी निचली अदालतों को दिया है। यही नहीं एमपी-एमएलए कोर्ट को भी उनके यहां लंबित मामलों में तेजी लाने और कार्रवाई करने का आदेश दिया है। साथ ही कार्रवाई की रिपोर्ट हाईकोर्ट को भेजने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस. कुमार की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी का अनुसंधान सहित अन्य कार्रवाई में तेजी लाने को कहा। महानिबंधक को सभी एमपी-एमएलए कोर्ट से उनके यहां लंबित केसों पर की गई कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट तलब कर कोर्ट को देने का आदेश दिया।
अगली सुनवाई में डीजीपी को की गई कार्रवाई के बारे में शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 11 अप्रैल तय की है। न्यायिक जानकारों का मानना है कि गंभीर आरोप वाले केस में जनप्रतिनिधियों पर गाज गिरनी तय है। सजा होने पर राज्य के कई जनप्रतिनिधि अगला चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।