नई दिल्ली\सेंट्रल डेस्क। आटे की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए भारत ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्र ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। यह फैसला स्थानीय कीमतों को काबू में रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन की बीच जारी जंग की वजह से गेहूं की अंतरराष्ट्रीय कीमत में करीब 40 फीसदी तेजी आई है। इसकी वजह से भारत से गेहूं का निर्यात बढ़ गया है। मांग बढ़ने से स्थानीय स्तर पर गेहूं और आटे की कीमतों में भारी तेजी आई है।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है। सरकार ने कहा है कि पहले ही जारी किए जा चुके लेटर ऑफ क्रेडिट के तहत गेहूं निर्यात की अनुमति रहेगी। तकरीबन ढाई महीने से चल रहे रूस द्वारा यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक खरीदार गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत की ओर रुख कर रहे थे। इन्हीं पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार ने यह कदम उठाया है।
देश में पिछले काफी समय से खाद्य सामग्री के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले आटे की कीमत करीब 13 प्रतिशत बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि गेहूं की वैश्विक कीमतों में अचानक वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप भारत, पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा खतरे में है। इस वर्ष गेहूं की सरकारी खरीद में करीब 55फीसदी की गिरावट आई है, क्योंकि खुले बाजार में गेहूं की कीमत एमएसपी से कहीं ज्यादा है। यही गेहूं निर्यात किया जा रहा है। गेहूं की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,015 रुपये प्रति क्विंटल है।
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