Bettiah/Awadhesh Kumar Sharma: पश्चिम चम्पारण जिला के बेतिया पुलिस अंतर्गत पदस्थापित एक पुलिस निरीक्षक का एक महिला के साथ फोटो और विडियो वायरल होने से पुलिस की छवि पर दुष्प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है। उपर्युक्त महिला के प्रभाव में दर्जनों व्यक्ति को गिरफ़्तार कर उपर्युक्त पुलिस पदाधिकारी न्यायालय को सुपुर्द कर चुके हैं।
सूत्र बताते हैं कि पूर्व थानाध्यक्ष मझौलिया और मुकदमाबाज महिला दिल्ली घूमने व एक कमरा में ठहरते रहे हैं। वायरल वीडियो और फोटो जिस स्थिति में दिख रहा है। उससे निःसंदेह उस पुलिस पदाधिकारी और महिला के संबंध संदेहास्पद हैं। हालांकि मझौलिया थाना में पुलिस निरीक्षक कुछ माह पूर्व बतौर थानाध्यक्ष पदस्थापित रहे, उस महिला के साथ संदेहास्पद रिश्ते की खूब चर्चा रही, अलबत्ता कोई भय से कुछ कहने से डरता रहा। उपर्युक्त महिला ने थानाध्यक्ष से मधुरतम संबंध का लाभ उठाकर विगत वर्षों न्यायालय और थाना में प्राथमिकी दर्ज किया है।
उससे यह प्रतीत होता है कि वह थानाध्यक्ष से संबंध को लेकर गांव व थाना क्षेत्र की प्रोफेशनल महिला है जो निहित स्वार्थवश मझौलिया थाना में छेड़छाड़, बलात्कार का प्रयास, चोरी, डकैती, मारपीट सभी संज्ञेय अपराधिक धाराओं में कांड दर्ज कराती रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 2016 के बाद सर्वाधिक प्राथमिकी मझौलिया के पूर्व थानाध्यक्ष के कार्यकाल में दर्ज हुए हैं। जिससे दोनों के प्रगाढ़ रिश्तों की पुष्टि होती है। सूत्रों की मानें तो उपर्युक्त महिला ने आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर थानाध्यक्ष के साथ काफी नजदीकी संपर्क बनाया।
इसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं कि कौन किससे प्रभावित हुआ। उपर्युक्त प्रभाव किस हद तक पहुंचा कि थाना क्षेत्र कौन कहे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घूमना फिरना और अंतरंग संबंध में रहना तक हुआ। थानाध्यक्ष और उपर्युक्त महिला के अंतरंग संबंध ऐसे बन गए कि दोनों खुलेआम फोटो शुट करवाने से परहेज़ तक नहीं कर सके। उपर्युक्त महिला और थानाध्यक्ष के प्रगाढ़ अंतरंग संबंध का मामला उस समय परिलक्षित हुआ जब उसने निहित स्वार्थ को लेकर गांव के लगभग दर्जनों व्यक्ति पर बलात्कार के प्रयास जैसे संगीन धारा में प्राथमिकी दर्ज करवाया, अब प्रश्न यह उठता है कि बलात्कार मामले की मेडिकल कैसे हुई, हालाकि कई लोगों को उसने पुलिस पदाधिकारी से मधुरतम संबंध को लेकर न्यायिक हिरासत में भेजवा दिया।
विदित हो कि जब थानाध्यक्ष की उपर्युक्त महिला से कोई नज़दीकी रिश्तेदारी नहीं फिर भी उसके प्रत्येक आवेदन पर बिना किसी अनुसंधान के निरंतर कार्रवाई और प्राथमिकी का दर्ज होना, किस बात का द्योतक है। मीडिया वालों को मिली जानकारी और वायरल खबर के अनुसार उपर्युक्त महिला ने थानाध्यक्ष को प्रभावित कर थाना क्षेत्र के अहिर टोली, जौकटिया, सरीखे अन्य कई गांवों में अपने पुलिस के दहशत से अपने नाम का डंका बजा दिया। गांव के किसी घटना पर पुलिस समय से पहुंचे या ना पहुंचे पर नजदीकी संबंध रखने वाली महिला के फोन पर समय से पुलिस उसके दरवाजे पर पहुंच जाती, जिससे महिला के प्रभाव और दबदबा बनाए रखा है।
सूत्रों के अनुसार महिला ने वर्ष 2016 में एक कोर्ट परिवाद 486सी/2016 और मझौलिया थाना कांड संख्या 255/16 दर्ज करवाने के पश्चात थानाध्यक्ष के कार्यकाल में 69/21, 383/21, 629/22 आधा दर्जन कांड दर्ज कराया हैं। ऐसे में यह भी विचारणीय है कि उसी महिला के साथ उसके गांव में इतनी बार बलात्कार व बेआबरु का प्रयास, चोरी डकैती सरीखे अन्य मामले किस बात को प्रमाणित करते हैं। जबकि अन्य पुलिस थाना की बात करें तो ऐसे धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने के पूर्व पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर आवश्यक साक्ष्य जुटाने के पश्चात प्राथमिकी दर्ज करती है। अलबत्ता उस महिला का एक आवेदन मात्र तत्कालीन थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज करने को पर्याप्त रहे।
यह तत्कालीन थानाध्यक्ष और उस महिला के प्रगाढ़ अंतरंग संबंध को प्रदर्शित करते हैं, यह उच्च स्तरीय जांच का मामला है, जिससे कही न कही पुलिस की छवि धूमिल हुई है। वैसे दबंग महिला के वैधानिक पति दुर्गेश यादव साइबर अपराधी बताया गया है। जिसपर साइबर अपराध का मामला भी दर्ज है। वायरल वीडियो में तत्कालीन थानाध्यक्ष किसी थाना में पैरवी करते दिख रहे बताए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि उपर्युक्त थानादार और महिला दोनों एक कमरा में एक साथ ही रहे। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि उस चर्चित महिला मुफ्फसिल थाना के एक अवर निरीक्षक ने किसी मामला में गिरफ्तार किया तो उसी थानाध्यक्ष ने छोड़वाया भी और छुटने के बाद उस महिला ने उस अवर निरीक्षक के विरुद्ध भी छेड़छाड़ व बलात्कार का प्रयास का आवेदन दिया।
महिला से अनैतिक संबंध को लेकर पत्रकार ने वाटसअप पर तत्कालीन थानाध्यक्ष मझौलिया से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने फोन पर यह जानकारी दिया कि उस महिला को जानते ही नहीं है और उसके साथ कहीं घूमने नहीं गए हैं। ऐसे में तत्कालीन थानाध्यक्ष की प्रतिक्रिया और वायरल फोटो- वीडियो दोनों ही उच्च स्तरीय जांच का मामला है। मोबाइल पर बात के पश्चात उनके वाटसअप काॅलिंग पर उस महिला के साथ जाने की बात स्वीकार भी किया। यह दबाव बनाया गया कि वो वायरल करने वाले का नाम पता और मोबाइल बता दें।
जिससे उस चर्चित महिला से एक प्राथमिक दर्ज करवा दें। ऐसे में यह स्पष्ट है कि दोनों की मिलीभगत से और भी कई ऐसे मामले हुए होंगे। जिसमें मोटी रकम की उगाही नहीं हो पाने की स्थिति में उस व्यक्ति को प्रताड़ित किया गया होगा। अपनी पूरी चारित्रिक पोल ना खुल सके, इसके लिए दिल्ली में कमरा लेकर रहने वाले लोगों को तत्कालीन थानाध्यक्ष मझौलिया अब धमकी भी दे चुके हैं। जिसके कारण, वे लोग एक महत्वपूर्ण वीडियो देने से इनकार कर गए। मझौलिया थाना क्षेत्र के आम ओ खास बताते हैं कि जबतक कथित थानाध्यक्ष पद पर रहे, उस महिला का थाना क्षेत्र में काफी वर्चस्व बना रहा। जिसको लेकर वह काफ़ी सुर्खियों में रही।
सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह कि कर्तव्यनिष्ठ डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण ने मझौलिया के उपर्युक्त थानाध्यक्ष को पदस्थापना के दौरान कर्तव्यहीनता के आरोप में कार्य में निलंबित किया था। जिन्हें कुछ दिनों पूर्व ही निलंबन मुक्त करते हुए डायल 112 का जिला प्रभारी बनाया गया है। निलंबन अवधि में उसी चर्चित महिला के साथ दिल्ली घूमने गए, जहाँ से उनका फोटो वीडियो वायरल हुआ है। वायरल वीडियो के आलोक में सूक्ष्मता से जांच करते हुए ऐसे पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है, जिससे समाज में अन्य पुलिस पदाधिकारियों की छवि को धूमिल होने से बचाई जा सके।
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