Kanpur, Beforeprint : शहर में डेंगू थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। डेंगू की चपेट में आ रहे मरीजों में शॉक भी शुरू हो गया है। 11 मरीजों को शॉक में उर्सला और नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया है। दो मरीजों में कोमा की स्थिति आते ही उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया है।
शनिवार को भी मरीजों का तांता लगा रहा। रात से शाम तक 47 मरीजों को भर्ती किया गया है, जिसमें 34 मरीजों में तेज बुखार और डेंगू जैसे लक्षण सामने आए हैं। कुछ मरीजों को उर्सला में शॉक होने पर भर्ती किया गया है। 14 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उनमें आठ रोगी ग्रामीण क्षेत्रों के हैं और छह नगरीय क्षेत्रों के हैं। डेंगू का संक्रमण का फैलाव गांवों की तरफ बढ़ रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने जिन आठ लोगों की पॉजिटिव रिपोर्ट दी है।
उर्सला के सीएमएस डॉ.शैलेन्द्र तिवारी ने बताया कि डेंगू मरीज हालत बिगड़ने पर आ रहे हैं। ज्यादातर मरीज कई दिनों से बुखार में घर पर पड़े रहने के बाद ही आ रहे हैं इसलिए उनकी हालत खराब हो रही है। मरीज पहले आ जाएं तो उनकी तबीयत को कंट्रोल किया जा सकता है। ओपीडी में 42 मरीज रिपोर्ट हुए हैं इसलिए 56 मरीजों की सैम्पल लिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रो. एसके गौतम के अनुसार, डेंगू के मरीजों में अचानक कमजोरी उभर रही है।
डेंगू शाक के लक्षण
- मरीज तेज कंपकंपी के साथ पसीने से तर हो जाता है।
- शॉक सिंड्रोम की स्थिति आते ही मरीज के शरीर पर पड़ने वाले लाल चकत्ते अधिक गहरे हो जाते हैं और उनमें खुजली होने लगती है।
- रोगी की नब्ज में दबाव कम पड़ने लगता है साथ ही नब्ज सामान्य से कम चलती है।
- अधिक ठंड के साथ-साथ शरीर में बेचैनी होने लगती है।
- मरीज धीरे-धीरे अपने होश तक खोने लगता है। जिससे मरीज को मानसिक आघात पहुंचने का भी खतरा रहता है।
- मरीज का ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है।
-डायबिटीज रोगियों के लिए - डायबिटीज रोगियों को बुखार आने को नजरअंदाज नहीं करना है।
- ब्लड शुगर को कंट्रोल करें
डायबिटीज की दवाएं ले रहे हैं तो डॉक्टर से मिलकर डोज को सेट कराएं