“मिनी हाईस्पीड ट्रैक” की आखिरी बाधा भी हुई दूर, अब कानपुर से दिल्ली जाने में लगेगा सिर्फ इतना समय

कानपुर ट्रेंडिंग

कानपुर/ बीपी प्रतिनिधि। दिल्ली-हावड़ा रूट पर गाजियाबाद से कानपुर के बीच प्रस्तावित मिनी हाईस्पीड ट्रैक और सिगलिंग अपग्रेडेशन का काम आखिरी पड़ाव में पहुंच गया है। साल 2025 के प्रस्तावित प्लान को हरी झंडी दे दी गई है। बिजली सप्लाई उच्चीकरण और क्षमता बढ़ाने का टेंडर जारी कर दिया गया है।

सितंबर-2023 में यह काम पूरा हो जाएगा, रेलवे ने टेंडर जारी करने के साथ ही काम पूरा करने की समयावधि भी पूरी कर दी है। इसके बाद कानपुर से दिल्ली का सफर वंदेभारत, दुरंतो, राजधानी और शताब्दी तीन घंटे में पूरा कराएंगी। गाजियाबाद से कानपुर तक के ट्रैक पर रोजाना 200 ट्रेनों का लोड है। बिजली सिस्टम अपग्रेडेशन का काम 17.95 करोड़ रुपये में पूरा होगा। इसके बाद इस सेक्शन में ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी। वीवीआईपी ट्रेनों को छोड़ बाकी ट्रेनें भी दिल्ली का सफर पांच से सवा पांच घंटे में कराएंगी, जबकि छह से नौ घंटे का समय लेती हैं।

अफसरों का कहना है कि मिनी हाईस्पीड ट्रैक के लिए बिजली सप्लाई सिस्टम भी अपग्रेड किया जाएगा क्योंकि अभी जिस क्षमता के सबस्टेशन या फिर ट्रांसफार्मर, इंसुलेटर व ओवर हेड इलेक्ट्रिक लाइन, इलेक्ट्रिक प्वाइंट हैं, उनकी क्षमता अधिकतम 130 किमी. की है। इस कारण इनको 200 किमी. की स्पीड के हिसाब से अपग्रेड किया जाएगा। बता दे अगस्त-2023 तक दिल्ली से हावड़ा वाया कानपुर एक दर्जन वंदेभारत एक्सप्रेस प्रस्तावित हैं। इसकी वजह से गाजियाबाद से कानपुर सेंट्रल तक के ट्रैक का अपग्रेड किया जा रहा ।

शुक्रवार को मुख्य संरक्षा आयुक्त लतीफ खान ने ट्रैक से लेकर सिग्नल प्वाइंटों को अच्छे से देखा। पुल और क्रॉस प्वाइंटों पर मोटर ट्राली रूकवा उसे देखा। पामा से भीमसेन तक स्पेशल ट्रेन से 120 किमी. की गति से ट्रैक की गुणवत्ता परखी। अब सीआरएस निरीक्षण के बाद अपनी फिट होने की रिपोर्ट देंगे। लतीफ खान ने भीमसेन से पामा तक रेललाइन के दोहरीकरण कार्य का सुबह मोटर ट्राली से डीआरएम आशुतोष ने रेलवे अधिकारी शरद मेहता, केके तलरेजा के साथ निरीक्षण किया। कुछ प्वाइंटों पर विभागीय अफसरों से चर्चा भी की।

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