सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा सवाल, राजीव गांधी के हत्यारों को क्यों न किया जाए रिहा?

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सेंट्रल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से पूछा कि राजीव गांधी हत्याकांड में 36 साल की सजा काट चुके एजी पेरारिवलन को रिहा क्यों नहीं किया जा सकता है? तमिलनाडु सरकार ने इस मामले पर कहा कि केंद्र केवल कानून में स्थापित स्थिति को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब कम अवधि की सजा काटने वाले लोगों को रिहा किया जा रहा है, तो केंद्र उन्हें रिहा करने पर सहमत क्यों नहीं हो सकता है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया में उसे लगता है कि राज्यपाल का फैसला गलत और संविधान के खिलाफ है। वह राज्य मंत्रिमंडल की सलाह से बंधे हैं। यह संविधान के संघीय ढांचे पर प्रहार करता है।

न्यायमूर्ति एलएन राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि वह एक सप्ताह में उचित निर्देश मांगें अन्यथा वह पेरारिवलन की दलील को स्वीकार कर इस अदालत के पहले के फैसले के बाद उन्हें रिहा कर देगी। नटराज ने कहा कि कुछ स्थितियों में राष्ट्रपति सक्षम प्राधिकारी होते हैं न कि राज्यपाल, खासकर जब मौत की सजा को उम्रकैद में बदलना पड़ता है।