Delhi, Beforeprint : आखिरकार एनडीटीवी के वरिष्ट पत्रकार रवीश कुमार ने इस्तीफा दे ही दिया है। एनडीटीवी ग्रुप की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह की तरफ से वहां के कर्मचारियों को एक मेल भेजा गया। जिसमें लिखा है, रवीश ने एनडीटीवी से त्यागपत्र दे दिया है और कंपनी ने उनका इस्तीफा तुरंत प्रभाव से लागू करने की ‘गुज़ारिश’ को भी मान लिया है।
रवीश कुमार का इस्तीफा प्रणय रॉय (#pranavroy)और राधिका रॉय (#radhikaroy) के आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर के पद से इस्तीफा देने के महज एक दिन बाद आया है। ये कंपनी एनडीटीवी की प्रमोटर ग्रुप व्हीकल है। आपको बता दें कि अडानी ग्रुप की ओर से एनडीटीवी के टेकओवर की कोशिशों के बीच रवीश कुमार ने इस्तीफा दिया है।
इस साल अगस्त में अडानी ग्रुप (#Adani) ने मीडिया कंपनी एनडीटीवी में अप्रत्यक्ष रूप से 29.18 फ़ीसदी हिस्सा खरीद लिया था और फिर बाकी की हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर का एलान किया था। अगस्त में ही अडानी ग्रुप के एनडीटीवी में हिस्सेदारी खरीदने के बाद इसके प्रमुख चेहरों की विदाई की अटकलें लगाई जा रही थीं।
रवीश के इस्तीफे के बाद ट्विटर पर #RNDTV और #Ravishkumar बहुत तेजी से ट्रेंड करने लगा। गुजरात में विधानसभा चुनाव और गुजरात बायकाट बीजेपी के बाद ट्रेडिंग इन इंडिया में यही दोनों हैशटैग थे। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने भी इस बारे में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि सत्ता के सामने निडरता से सच बोलने वाले हमारे बेहतरीन पत्रकार रवीश कुमार जब अपनी रिपोर्ट से समझौता करने के बजाय इस्तीफा देना चुनते हैं, तो यह मीडिया के हालात के बारे में बहुत कुछ बताता है। जहां सच्चाई सबसे बड़ी शिकार बन गई है।
एक वरिष्ठ पत्रकार ने लिखा, कि एक पत्रकार से निपटने के लिए पूरा चैनल ही खरीद लिया गया। जब संस्थाएँ ही ढह रही हों या ढहाई जा रही हों तो एक चैनल के ढहने-ढहाने पर क्या रोना। कई लोग रवीश का पुराना वीडियो भी ट्वीट कर रहे हैं। तो कुछ रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड ने दौरान उनके भाषण के अंश भी शेयर कर रहे हैं।