सामने आना चाहिए भारतीय ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों का सच: MRM

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सेंट्रल डेस्क। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने देश के गद्दारों और असमाजिक तत्वों की कड़ी निन्दा करते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। साथ ही साथ मंच ने वैसे नेताओं की भर्त्सना की है जो अपने फायदे के लिए देश की अवाम को गुमराह करने का काम करते हैं। मंच के राष्ट्रीय संयोजक, सह संयोजक और विभिन्न प्रकोष्ठ के प्रभारियों ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह, ममता बनर्जी जैसे नेता मुसलामानों को मुख्य धारा से काटने में लगे हैं ताकी वो गरीबी में पिछड़े, अनपढ़ और जलालत की जिन्दगी जीने को मजबूर रहें। मंच ने सभी भारतीयों से अपील करते हुए आह्वान किया है कि देश का माहौल न बिगड़ने दें और ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों का सच सबके सामने आने दें।

मंच के अध्यक्ष मोहम्मद अफजाल, राष्ट्रीय संयोजक एसके मुद्दीन, रजा रिजवी और अबू बकर नकवी ने कहा कि जब से काशी के ज्ञानवापी तथाकथित मस्जिद में शिवलिंग होने का प्रमाण सर्वे के वीडियो में मिले हैं तब से देश के भाईचारे के वातावरण को दूषित करने का भरसक प्रयास कुछ असामाजिक तत्व एवं मज़हबी लोग करते हुए नजर आ रहे हैं। मंच की तरफ से इस्लाम अब्बास और इरफान अली पीरजादे ने कहा कि देश के चंद विपक्षी नेताओं के भड़काऊ बयानों से झांसे में ना आये और देश का माहौल शांतिपूर्ण और भाईचारे वाला बनाये रखने में अपना सहयोग दें।

हिंदुस्तान फर्स्ट हिंदुस्तानी बेस्ट के राष्ट्रीय संयोजक बिलाल उर रहमान और मदरसा शिक्षा प्रकोष्ठ के मजाहिर खान ने कहा कि ज्ञानवापी तथाकथित मस्जिद के साथ मथुरा श्रीकृष्ण जन्मस्थान मस्जिद, लाल किला, ताज महल्, क़ुतुब मीनार, अजमेर शरीफ, बिंदुमाधव मंदिर, नालंदा विश्व विद्यालय, बौद्ध विहार, जैन एवं सिख जैसे अनेक धार्मिक आस्थाओं और ऐतिहासिक महत्त्व के स्थानों को लेकर नए-नए प्रमाण आये दिन जन्म लेते जा रहे हैं और उन के चलते देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिशें हो रही हैं। जबकि आवश्यकता है सभी स्थानों की हकीकत का पता हर किसी को चले ताकी उस सच्चाई की रौशनी में समस्या का समाधान आपसी संवाद या कोर्ट से निकला जा सके। आज इन ऐतिहासिक और धार्मिक आस्थाओं के इतिहास के सच क्या हैं यह सब के लिए जानना जरुरी है।

इस मौके पर मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि यदि जो सत्य है उसको स्वीकार कर हम चलते हैं तो हर प्रकार के विवादों का समाधान स्वयं ही शांतिपूर्ण ढंग से मिल सकता है परंतु जब ओवैसी, तौकीर राजा, फुरकान अली, पीएफआई, जमियत, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे नेता और संस्थाएं इस सत्य को मानने से इन्कार कर लोगों को भड़काने की भाषा बोलते हैं तो लगता हैं की वे खुदा, कुरान और इस्लाम के रास्ते पर इमानदारी से चलना नहीं चाहते हैं। ये अकरांताओं या अत्याचारियों की निंदा करने के बजाय उनकी हिमायत करते हैं।

महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजक शहनाज अफजाल, शालिनी अली और रेशमा हुसैन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह ऐतिहासिक सत्य है की जो इस्लामी आक्रान्ता इस देश में आये और यहां शासन किया उनसे हम भारतीय मुसलमानों का कोई रिश्ता नहीं हो सकता। हम भारत के मुसलमान थे, हैं और ताउम्र रहेंगे भी। गौरी-गजनी से लेकर बाबर-औरंगजेब तक इन सभी आक्रान्ताओं ने हमारे देश के धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक स्थलों का नाश किया, जबरन धर्मान्तरण किया और जुल्म भी किया है। परन्तु भारत की परंपरा और तहजीब से हमारा नाता अटूट हैं। हम मंच के लोग अंग्रेज, डच, पोर्तुगीज आदि हमलावरों के बारे में भी सभी को सावधान करते हैं। वे भी विदेशी थे, अत्याचारी और अन्यायी थे।

क्षेत्रीय सहसंयोजक तुषरकांत, हसन नूरी और सलीम खान पठान ने कहा कि आज विश्व में भारत की एक अलग साख बनी हैं और दुनिया को और मानवता को भारत से भविष्य में बहुत उम्मीदें हैं। यह तभी संभव हो सकता हैं जब हम सब देशवासी अपने देश का माहौल सद्भाव और अमन भाईचारे से परिपूर्ण रखने में कामयाब होंगे। इसलिए हम मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ता व देश के दानिश्वर लोग सबसे यह अनुरोध करते हैं की वर्तमान परिस्थिती में हर हाल में हम सजग रहते हुए माहौल बिगाड़ने की हर कोशिश को नाकामयाब करें और भारत को दुनिया का सिरमौर देश बनाएं।

मंच ने कहा कि कुरान और इस्लाम के प्रकाश में देखें तो कुछ बातों पर गौर करने से मामले साफ हो सकते हैं। कुरान यह कहता हैं की खुदा (ईश्वर) ने इस धरती पर इन्सान को सही, नेकी तथा ईमान के रास्ते पर चलना सिखाने हेतु समय-समय पर एक लाख चौबीस हज़ार नबी-पैगम्बर भेजे हैं। हिंदुस्तान में सब से अधिक नबी (देवी-देवता), उन सबकी किताबे मानने वाले और पूजा पद्धतियाँ हैं। मोहम्मद साहब इस्लाम के अंतिम पैगम्बर हैं। कुरान में आगे यह भी हिदायत है की “लकुम दिनेकुन वलय दीन” याने अपने-अपने दीन पर चलो, दुसरे के दीन की इज्जत करो न की आलोचना करो। जो इन हिदायतों को मानते हैं वे सच्चे हिन्दुस्तानी मुसलमान कहलाते हैं।