बीपी डेस्क। जालौर में हुई घटना पर राजस्थान की गहलोत सरकार चारों तरफ से घिर गई है। बारां-अटरु कॉग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने विधायक पद से दिया इस्तीफा दे दिया है। पानाचंद मेघवाल ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए लिखा है कि आजादी के 75 साल बाद भी प्रदेश में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार हो रहे अत्याचारों से उनका मन आहत है।
”मेरा समाज आज जिस प्रकार की यातनाएं झेल रहा है, उसका दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। प्रदेश में दलित और वंचितों को मटकी से पानी पीने के नाम पर तो कहीं घोड़ी चढ़ने और मूंछ रखने पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है। जांच के नाम पर फाइलों को इधर से उधर घुमाकर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। बाबा साहेब का डॉ. भीमराव आंबेडकर जी ने संविधान में दलितों और वंचितों के लिए जिस समानता के अधिकार का प्रावधान किया था, उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है। दलितों पर अत्याचार के ज्यादातर मामलों में एफआर लगा दी जाती है। कई बार ऐसे मामलों को जब मैंने विधानसभा में उठाया उसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन हरकत में नहीं आया।”
बता दे जालोर में हेड मास्टर की अलग रखी मटकी से पानी पीने की सजा 8 साल के एक दलित बच्चे को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। घटना 20 जुलाई की है। सायला क्षेत्र के सुणणा स्थित सरस्वती विद्यालय के तीसरी कक्षा मैं पढ़ रहे छात्र इंद्र कुमार पुत्र देवाराम मेघवाल ने शनिवार को अहमदाबाद में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने हेड मास्टर छैलसिंह को हिरासत में लिया। छात्र के चाचा ने शनिवार को सायला थाने में मामला दर्ज करवाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक अपनी मटकी से पानी पी लेने पर छैल सिंह इतना खफा हुआ कि इंद्र कुमार को पीट दिया। कान के पास चोट से कराहते हुए इंद्र कुमार स्कूल के सामने पिता की दुकान पर पहुंचा था। यहां से परिजन अस्पताल लेकर भागे। बच्चे का इलाज बागोड़ा, भीनमाल, डीसा, मेहसाणा, उदयपुर में कराया था। बीते शनिवार 11 बजे छात्र की मौत हो गई। सीओ ध्रुव प्रसाद ने बताया कि रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज करते हुए शिक्षक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
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