बिहार में शराब से मौतों को लेकर विधानसभा में हंगामा, जांच को भागलपुर पहुंची मद्य निषेध विभाग की टीम

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स्टेट डेस्क: भागलपुर में शराब से मौतों का मामला बुधवार को विधानसभा में छाया रहा। इसे लेकर राजद समेत विपक्षी पार्टी के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इधर घटना की जांच के लिए पटना से मद्य निषेध विभाग की टीम बुधवार को भागलपुर पहुंची।

विधानसभा में अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को भारत की कम्युनस्टि पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले), राष्ट्रीय जनता दाल (राजद) और कांग्रेस सदस्यों के कार्यस्थगन प्रस्तावों को अस्वीकार करते हुए शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया। लेकिन, पूरा विपक्ष जहरीली शराब कांड को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। 

भाकपा-माले सदस्य सत्यदेव राम और कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने विपक्ष के अन्य सदस्यों के साथ सदन का ध्यान इस त्रासदी की ओर आकर्षित करने का प्रयास करते हुए कहा कि हाल ही में राज्य में नकली शराब के सेवन से कई लोगों की मौत हुई है। इतना ही नहीं मृतकों का पोस्टमॉर्टम भी नहीं किया गया। 

इस मुद्दे पर सरकार से जवाब की मांग कर रहे विपक्षी सदस्य सदन वेल में आकर शोरगुल करने लगे। हालांकि सभाध्यक्ष के अनुरोध के बाद वे अपनी सीट पर लौट गए। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार कल के लिए सूचीबद्ध गृह विभाग से संबंधित अपने जवाब के दौरान इस मुद्दे पर अपनी टिप्पणी देगी।

डीएसपी सिंधु शेखर के नेतृत्व में भागलपुर आई टीम में दो इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। मद्य निषेध विभाग की टीम साहिबगंज में मृतकों के परिवार से मिलने पहुंची। परिजनों का उन्होंने बयान भी दर्ज किया। टीम विश्वविद्यालय थाना पहुंचकर पुलिस से घटना की जानकारी ली।

इसके बाद टीम मायागंज अस्पताल पहुंचकर इलाजरत लोगों से पूछताछ की। हालांकि टीम का नेतृत्व करने वाले डीएसपी फिलहाल कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं। उन्होंने बस इतना कहा कि जांच के लिए आए हैं और रिपोर्ट मुख्यालय में सौंप देंगे। गौरतलब है कि 19 और 20 मार्च को भागलपुर और नवगछिया पुलिस जिले में 17 लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। कुछ मृतकों के परिजनों ने शराब पीने के बाद तबीयत बिगड़ने की बात कही थी।