ADIPURUSH : आदिपुरूष पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, लगाई सेंसर बोर्ड को कड़ी फटकार

उत्तर प्रदेश लखनऊ

लखनऊ/ स्टेट डेस्क : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आज फिल्म आदिपुरुष में दिखाए गए कुछ आपत्तिजनक डायलॉग के मामले में लगाई गई याचिका पर सुनवाई की गई। वहीं इस मामले में कोर्ट ने सेंसर बोर्ड से सख्त लहजे में सवाल भी किया। कोर्ट ने पूछा कि, ‘सेंसर बोर्ड क्या करता रहता है? आप आने वाली पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हैं’। 

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान फिल्म के प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और अन्य शामिल लोगों की गैरमौजूदगी पर भी सवाल उठाया। मालूम हो कि यह याचिका अधिवक्ता कुलदीप तिवारी ने दाखिल की थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई करने के बाद कोर्ट अगले ही दिन मंगलवार को अगली तारीख तय कर दी।

पवित्र ग्रंथ रामायण से कथित रूप से प्रेरित फिल्म आदिपुरुष का निर्देशन ओम राउत ने किया है, जिसकी रिलीजिंग के बाद काफी आलोचना हुई थी। फिल्म में कुछ डायलॉग ऐसे हैं, जिन पर आलोचकों से लेकर समीक्षकों तक सभी ने संदेहात्मक आपत्ति जताई। फिल्म में दिखाए गए डायलॉग ‘मरेगा बेटे’, ‘बुआ का बगीचा है क्या’ और ‘जलेगी तेरे बाप की’ हैं, जिनकी बहुत ज्यादा ट्रोलिंग हुई है।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ‘आदिपुरुष’ फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को पक्षकार बनाए जाने की मांग वाली एक अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई करेगी। यह अर्जी पहले से दायर एक जनहित याचिका में दायर की गई है। यह याचिका फिल्म रिलीज के काफी पहले याची कुलदीप तिवारी की ओर से दाखिल की गई थी जो कि अभी विचाराधीन है। 

आदिपुरुष फिल्म के विरुद्ध एक नई जनहित याचिका भी दाखिल कर दी गई है। यह याचिका भी मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो गई है। याचिका पिछले वर्ष फिल्म का टीजर जारी होने के बाद ही दाखिल की गई थी। 

याचिका में सीता का चरित्र निभाने वाली अभिनेत्री को अमर्यादित वस्त्रों में दिखाए जाने को लेकर आपत्ति की गई है। अभिनेता प्रभाष, कृति सेनन, सैफ अली खान, देवदत्त नागे, सनी सिंह, निर्माता और निर्देशक ओम राउत याचिका में प्रतिवादी हैं।