कानपुर/भूपेंद्र सिंह। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में चल रहा विवाद अब और भी गहराता जा रहा है। संघ में विवाद का मामला अभी इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहा था लेकिन अब ये दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंच गया है। यूपीसीए के विवाद की सुनवाई वर्तमान में इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही है। इसी बीच 15 क्रिकेट समर्थकों ने दिल्ली हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है।
संयुक्त रूप से की गई पीआईएल में यूपीसीए के निदेशक मंडल पर बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार करने और यूपीसीए के मेमोरेंडम के उल्लंघन की शिकायत की गई है। शिकायतकर्ताओं ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए यूपीसीए के खातों की जांच सीएजी से निष्प्क्ष कराने की मांग की है। 5 जिलों के 15 क्रिकेट प्रेमियों ने यूपीसीए पर गंभीर आरोप लगाते हुए, खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की बात कहीं गयी है।
हाईकोर्ट में दाखिल की गई पीआईएल में कहा गया है कि यूपीसीए के जिम्मेदार अपनी मनमानी कर रहे हैं। मेमोरेंडम और लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार किया जा रहा है। जिससे प्रदेश के क्रिकेट का भविष्य के दफन होता जा रहा है। आरोप है कि यूपीसीए की वर्तमान कमेटी अपने नियम गढ़ कर मनमानी पर आमादा है। दिल्ली हाइकोर्ट में लागये गये मुख्य आरोपों में यूपीसीए का रजिस्टर हॉफ चिटफंड सोसाइटी से रजिस्टार आफ कंपनीज में गलत ढंग से विलय किया गया है जिसमें तमाम नियमों को दरकिनार किया गया है।
यूपीसीए के द्वारा बनी कमेटियां लोढ़ा समिति की सिफारिशों के विपरीत बताई गई हैं। रजिस्टार आफ कंपनीज में की गई शिकायतों को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप भी लगाया गया है। यूपीसीए में लगाए गए सभी आरोपों की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की गई है। यूपीसीए के खातों की जांच के सीआईजी द्वारा कराए जाने की मांग रखी गई है।दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा रिसीवर बैठाकर सभी जांचे किए जाने की मांग भी की गई है। 42 साल बाद संपन्न हुए यूपी के चुनाव को अवैध बताया गया है।
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दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बीएस नागर ने बताया, कि मजबूत तथ्यों के आधार पर दाखिल की गई पीआईएल को हाईकोर्ट द्वारा स्वीकार किया गया और उस पर अग्रिम कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए गए। उन्होंने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा की दो सदस्यीय बेंच ने नोटिस जारी कर 25 मार्च तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए है। 29 अप्रैल को अगली सुनवाई तय क़ई गयी है।