स्टेट डेस्क/ लखनऊ-सीतापुर। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा पार्टी के संस्थापक सदस्य आजम खां के बीच तल्खी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। खाई पाटने की अखिलेश की कोशिश उस वक्त नाकाम हो गई जब सपा सुप्रीमो के दूत सीतापुर जेल पहुंचे और आजम ने उनसे मुलाकात तक करने से मना कर दिया।

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लखनऊ के मध्य विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता रविदास मेहरोत्रा को अखिलेश यादव ने अन्य नेताओं के साथ सीतापुर जेल भेजा। वहां पर रविवार को रविदास मेहरोत्रा को पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां से भेंट करनी थी। जेल प्रशासन ने इसकी जानकारी आजम खां को दी तो आजम खां ने रविदास मेहरोत्रा तथा उनके साथ गए समाजवादी पार्टी के नेताओं से मिलने से इनकार कर दिया।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य आजम खां से मिलने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जगह पर प्रतिनिधि मंडल जाए, यह उनको नागवार गुजरा। आजम खां ने सपा प्रतिनिधिमंडल से बोल दिया की तबियत ठीक नहीं है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर लखनऊ से विधायक और पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा आजम खां से मिलने सीतापुर जेल पहुंचे। मगर उन्हें वहां से बैरंग लौटना पड़ गया।
करीब 11 बजे सीतापुर जेल पहुंचे रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि वह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी के निर्देश पर आजम खां से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया। जेल अधीक्षक सुरेश कुमार सिंह ने बताया आजम खां ने रविदास मेहरोत्रा से मिलने से मना कर दिया था। इसके बाद वह वहां से वापस चले गए हैं। इसके बाद सपा विधायक मेहरोत्रा ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आजम खान की तबीयत खराब है और वह सो रहे हैं। उनसे मुलाकात की बात पर वह कुछ बोले नहीं, लेकिन कहा कि उनकी सेहत खराब है।
इससे पहले शुक्रवार को शिवपाल सिंह यादव ने सीतापुर जेल में आजम खां से मुलाकात की। शिवपाल सिंह यादव तथा आजम खां के बीच करीब एक चर्चा भी हुई। शिवपाल सिंह ने सपा के कद्दावर नेता आजम खां से जेल में मुलाकात के बाद पहली बार अपने बड़े भाई व सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर भी सीधा हमला बोला। शिवपाल ने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने भी आजम खां के लिए कुछ नहीं किया।
शिवपाल ने यह तक कहा था कि नेताजी ने न सदन में यह मुद्दा उठाया न सड़क पर। छोटी-छोटी धाराओं में आजम खां 26 महीने से जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा कि वे नेताजी से आजम का मामला उठाने के लिए आग्रह करेंगे। इससे पहले शिवपाल ने कभी भी मुलायम के खिलाफ कुछ नहीं बोला था। ऐसे में उनके मन का गुबार अचानक क्यों फूटा। सियासी गलियारों में इसके निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि जब मुलायम ने शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष बनाया तो भी उन्होंने निर्णय को चुपचाप माना। सीएम पद पर जब अखिलेश को बैठाया गया तब भी वह चुप ही रहे। शिवपाल के इन कदमों से लगता है कि अब समाजवादी पार्टी के सभी दरवाजे उनके लिए बंद हो गए हैं।
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