यूपीसीए के सचिव की कुर्सी पर टिकी है अकरम सैफी की नजर

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कानपुर/भूपेंद्र सिंह। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पूर्व सचिव के निजी सचिव अकरम सैफी की नजर अब क्रिकेट संघ की सचिव पद की कुर्सी पर टिक गई है। वह उसे किसी भी कीमत पर प्राप्त करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। कुर्सी पाने के लिए वह प्रदेश में लगभग हर जिले की इकाई के समानांतर दूसरी इकाई को गठित करने का भी काम कर रहे हैं, जिससे सही समय आने पर वह अपने पक्ष में प्रयोग कर सकें।

प्रदेश के लगभग दूसरे जिले में अब दूसरी इकाई का गठन जारी है और पूर्व से कार्यरत जिला संगठनों को बहिष्कृ त भी करने का काम पूरी तरह से अकरम के इशारों में ही किया जा रहा है। अकरम सैफी पूर्व सचिव के साथ रहकर इतना तो सीख गए हैं कि कब किसका प्रयोग समय अनुसार किया जा सकता है! बीते कई वर्षों से वह उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम के चयन से लेकर चयनकर्ताओं को और अन्य मामलों में भी हस्तक्षेप करते नजर आ रहे हैं।

यही नहीं वह सभी पदाधिकारियों पर रौब गांठने जैसी हरकतों पर भी बल दे रहे हैं।सहारनपुर जैसे छोटे शहर से ताल्लुक रखने वाले अकरम ने पूर्व सचिव राजीव शुक्ला के साथ रहकर संघ की पूरी जानकारी बटोरी और सभी जिले के पदाधिकारियों पर अपनी पकड बना ली थी। बीते कई सालों से अकरम उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की मुख्य धारा के पदाधिकारियों की सूची में शामिल हो गए और कार्यप्रणाली में भी हस्तक्षेप करने लग गए।

यूपीसीए में कई पदाधिकारियों की आपसी खुन्नस के चलते विवाद पैदा हो गया और कार्य भी प्रभावित होने लग गयी। जहां एक ओर यूपीसीए के पदाधिकारी संघ को संगठित करने में अवसर तलाशने में जुटे है तो वहीं अकरम सैफी ने अपनी नजर सचिव पद की कुर्सी पर टिका दी है।

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अकरम ने सूबे के पश्चिमी हिस्से के लगभग तीन से चार जिलों में अपनी टीम के लोगों को दूसरी ईकाई की कमान सौंपने में भी सफलता प्राप्त कर ली है। वह दिन अब दूर नही जब यूपीसीए पर अकरम सैफी के नाम पर कई जिला संघ अपनी सहमति जता देंगे और संघ पूरी तरह से उनके कब्जे में होगा इसके लिए हो सकता है वह अपने बॉस का भी साथ छोड़ दें।