नरैनी, बीपी प्रतिनिधि। कोतवाली परिसर शनिवार को अखाड़ा बन गया। जब दारोगा और कोतवाल में गुत्थम गुत्था हो गई। जमकर लात-घूंसे चले। बात बढ़ी तो दोनों के बीच लाठियां भी चल गईं। मारपीट की सूचना आलाधिकारियों तक पहुंच गई। कोतवाली में अधिकारियों की आमद शुरू हो गई। देर शाम तक सीओ और कोतवाल ने मीडिया के फोन नहीं उठाए। एएसपी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच कर कार्रवाई होगी। आइजी एसके भगत ने कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी। इधर, आरोपित दारोगा के निलंबन की चर्चा है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
पता चला है कि गांव निवासी दो बहनों से वहीं के युवक छेड़खानी कर जबरन विवाह का दबाव दे रहे थे। समुदाय विशेष के युवकों पर आरोप है कि वह वीडियो वायरल कर बदनामी कराते थे। पीड़िता के पिता इसकी शिकायत लेकर पहुंचे थे। जिसके बाद चौकी इंचार्ज आशीष पटेरिया ने उनका ही चालान कर दिया। विधायक और भाजपा जिलाध्यक्ष के दखल के बाद शुक्रवार देर रात आरोपितों के पर मुकदमा दर्ज किया गया।
शनिवार शाम को दारोगा आशीष पटेरिया व कोतवाल राकेश तिवारी के बीच विवाद हो गया। बताते हैं कि दारोगा ने चौकी का मामला है कहकर तूल दे दिया। इसके बाद बढ़ा विवाद लात-घूंस से होता हुआ लाठी तक पहुंच गया। साथी पुलिस कर्मियों ने किसी तरह दोनों को अलग किया। खाकी के बीच हुई मारपीट की बात ऊपर तक पहुंच गई। देर शाम एसपी अभिनंदन भी कोतवाली पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इधर, एएसपी ने लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि पीड़िता के पिता का धारा 151 में चालान करने के मामले में विवाद के बाद मारपीट की सूचना है। पर ज्यादातर अफसर मामले पर चुप्पी ही साधे बैठे हैं।
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