स्टेट डेस्क/दिवाकर श्रीवास्तव। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी दस्यु ददुआ के पुत्र वीर सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। वीर सिंह को समाजवादी पार्टी ने चित्रकूट जिले के मानिकपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। वीर सिंह पटेल ने शुक्रवार को लखनऊ सपा कार्यालय जाकर चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया।
वीर सिंह पटेल ने बताया कि उन्होंने चित्रकूट सदर विधानसभा सीट से आवेदन किया था। वह अपनी चित्रकूट सदर सीट से चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन पार्टी ने उन्हें मानिकपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। उनकी तैयारी चित्रकूट विधानसभा सीट को लेकर थी। मानिकपुर विधानसभा सीट में संगठन भी मजबूत नहीं है। उसने बताया कि वह पार्टी के साथ हैं, पार्टी जिसे भी टिकट देगी, वे उसका पूरा साथ देंगे। वह स्वयं मानिकपुर विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
ददुआ को मरे हुए 14 साल हो चुके हैं लेकिन चित्रकूट और बांदा इलाके में आज भी उसके नाम के समर्थक हैं। ददुआ भले ही डकैत रहा हो लेकिन बुंदेलखंड के कुर्मी समाज में उसकी छवि का असर था। इसी समीकरण को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल को मानिकपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया था।
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वीर सिंह पटेल आतंक का पर्याय रहे दस्यु सम्राट ददुआ के बेटे है। 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चित्रकूट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज कराई थी। लेकिन, 2017 के चुनाव में वीर सिंह पटेल को हार का सामना करना था। वीर सिंह पटेल ने अपने पिता ददुआ के जिंदगी में ही सियासत में कदम रख दिया था और चित्रकूट से निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे। 90 के दशक में वीर सिंह पटेल के पिता ददुआ का आतंक था।