बांदा/बीपी प्रतिनिधि। बांदा में यमुना नदी में नाव पलटने से दस से ज्यादा लोगों की डूबने से मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब 20 सवारों की क्षमता वाली नाव पर 35 लोग और कुछ मोटरसाइकिलों को बैठाकर नौका चालक नाव चला रहे थे। मरका घाट पर गुरुवार को हुए हादसे में राहत व बचाव का काम जारी तो है पर अब भी 17 लोगों का कुछ पता नहीं चल सका है। राहत की बात यह है कि 15 लोग तैरकर किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे।
इसके पहले पीएसी, एनडीआएफ और सीडीआरएफ की 78 सदस्यीय टीम ने देर रात 11:10 बजे के करीब ‘ऑपरेशन जिंदगी’ के नाम से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। ऑपरेशन रात 1 बजे तक चला। शुक्रवार सुबह 8 बजे एक बार फिर से राहत कार्य शुरू किया गया। आठ नाव के साथ चल रहे इस रेस्क्यू ऑपरेशन में शुक्रवार को कोई प्रगति नहीं देखने को मिली।
एनडीआरएफ के कमांडेंट नीरज ने बताया, “पानी की गहराई तकरीबन 40 से 50 फीट है। कोई भी प्रत्यक्षदर्शी सही बात नहीं बता पा रहा है। कोई बता रहा है कि नाव बीच मझधार में पलटी है। कोई बता रहा है कि नाव किनारे आते वक्त पलटी है। हादसे की सटीक जगह न पता चलने के कारण राहत के काम में बाधा आ रही है। पानी का रंग भी साफ नहीं है। जिससे दिक्कत और बढ़ गई है।
स्थानीय निवासी विजय शंकर ने बताया कि हर साल रक्षाबंधन के पर यमुना नदी के किनारे नवी मेला लगता है। महिलाएं यमुना नदी में नौनिर्यां की यात्रा करती हैं, लेकिन गुरुवार दोपहर नाव डूब जाने की वजह से मेले का आयोजन नहीं हुआ।
पुलिस के मुताबिक अभी तक तीन शव मिले हैं। जिनमें से एक महिला व एक बच्चे का शव भी शामिल है।
हादसे के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्री रामकेश निषाद और राकेश सचान को घटनास्थल पर तत्काल पहुंचने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की राहत राशि देने की भी घोषणा की है।