बायो बबल नियमों की उड़ायी जा रही धज्ज्यिां

उत्तर प्रदेश

कर्मचारियों को खिलाडियों के पास जाने के लिए नही कोई मनाही

कानपुर/बीपी टीम। रणजी ट्रॉफी मैच के लिए कमला क्लब में चल रहे प्रशिक्षण शिविर के दौरान बायो बबल के नियमों की धज्जियां उडायी जा रही हैं। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के तमाम कर्मचारी व पदाधिकारी.खिलाडियों के पास पहुंचकर उनसे बातें करते भी देखे जा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने वैसे तो कमला क्लब के मुख्य द्धार पर पाबन्दिया लगा रखी है लेकिन बायो बबल के बाहर से आने वाले कर्मचारी व पदाधिकारी कार्यालय आने जाने के साथ ही मैदान के बाहर भी अनावश्यक आवाजाही करने से बाज नही आ रहे। गुरुवार को पडताल करने के बाद पता चला कि अण्डर-19 ,23, व मुख्य टीम के खिलाडियों को बायोबबल घेरे में रखा गया है लेकिन कर्मचारियों को उनके पास जाने से रोका नही जा रहा जबकि कोविड प्रोटोकाल के तहत बनाए गए बायोबबल घेरे में खिलाडियों के पास किसी को भी जाने की अनुमति नही है यही नही खिलाडी भी किसी से मिलने के लिए मैदान की सीमा रेखा के बाहर नही आ सकता है।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ ने अपने कार्यालय के बगल वाले मैदान में ही प्रशिक्षण शिविर लगाया है जिससे यूपीसीए के कई कर्मचारी व अन्य पदाधिकारी मैदान के आसपास घूमते ही रहते है यही नही प्रशिक्षण शिविर के दौरान जिन कर्मचारियों की डयूटी लगायी गयी है वह अपने कार्य को छोडकर अन्य कार्यो में व्यस्त हैं। शिविर में.कोविड .प्रोटोकॉल के बायो बबल घेरे का उल्लंघन करते नजर आ रहे.है।

टीम के खिलाडियों को होटल में नही रोका गया है जिससे कोविड का खतरा कम रहे लेकिन मैदान में कर्मचारियों को रोकने में अधिकारी पूरी तरह से निष्क्रिय है। खिलाडियों की आरटीपीसीआर जांच के बाद ही उनको प्रशिक्षण शिविर में रखा गया है जबकि कोविड के निरन्तर बढते ग्राफ से किसी भी खिलाडी को कोरोना हो जाए तो इसे यूपीसीए की लापरवाही ही माना जाएगा। राजीव प्रधान व रीता डे के साथ केके अवस्थी सत्र के दौरान कमला क्लब के निकलकर यूपीसीए कार्यालय बार बार आते जाते रहते हैं।इस बारे में आपरेशन मैनेजर श्रेयांश ने बताया कि कोविड प्रोटोकाल के नियमों का पालन करवाने का प्रयास किया जा रहा है।

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