कानपुर, बीपी डेस्क। जिलाधिकारी विशाख जी की अध्यक्षता में आज चकेरी स्थित एयरपोर्ट के संचालन में कतिपय ऑपरेशनल समस्याओं के संबंध में भारतीय एयरफोर्स, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एवं इंडिगो/स्पाइस जेट के अधिकारियों के साथ बैठक की गयी। बैठक में मोहित चतुर्वेदी, सीओओ एयरफोर्स, कानपुर विंग कमाण्डर सुभाष चन्द्रा, सीनियर एयर ट्रैफिक कन्ट्रोलर, श्री विजय बहादुर, प्रभारी निदेशक, एयरपोर्ट, कानपुर एवं इंडिगो/स्पाइस जेट के टर्मिनल मैनेजर उपस्थित रहे। बैठक में भारतीय एयरफोर्स एवं इंडिगो/स्पाइस जेट के साथ पूर्व में हुई सहमति (एमओयू) जिसके आधार पर हवाई जहाजो का कामर्शियल संचालन प्रारम्भ किया गया था, के संबंध में कतिपय बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
मुख्य रूप में निजी ऑपरेटरों के द्वारा एमओयू के प्राविधानो के तहत पुशबैक मैकेनिज्म स्थापित किये जाने के संबंध में एमओयू के प्राविधानों के तहत भारतीय एयरफोर्स के अधिकारियों द्वारा उसे शीघ्र स्थापित किये जाने हेतु जोर दिया गया। इस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा इंडिगो/स्पाइस जेट के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अपने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर इस बिन्दु का शीघ्र समाधान सुनिश्चित कराया जाए। इसके साथ ही नवीन टर्मिनल के निर्माण के उपरान्त वर्तमान में उपलब्ध सिविल टर्मिनल को किस प्रकार कामर्शियल एयरक्राफ्ट के ऑपरेशन हेतु प्रयोग में लाया जा सकता है, इस संबंध में भी भारतीय विमानपत्तन के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया।
भारतीय विमानपत्तन के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि इस संबंध में भारतीय विमानपत्तन मुख्यालय को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि उक्त प्रस्ताव उपलब्ध करा दिया जाए ताकि नवीन टर्मिनल के निर्माण के उपरान्त वर्तमान में उपलब्ध टर्मिनल को क्यू-400 एवं अन्य छोटे जहाजो के संचालन हेतु प्रयोग किये जाने के संबंध में प्रस्ताव नागरिक उड्डयन विभाग, उप्र को प्रेषित किया जा सके।
भारतीय विमानपत्तन के अधिकारियों के साथ उनके अधीनस्थ संचालित सम्पत्ति कैण्ट स्थित सिविल एयरोड्रम के सदुपयोग के विभिन्न संभावनाओं के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया। जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि उपलब्ध संसाधन- तीन हैंगर व एयरस्ट्रिप को बेहतर प्रयोग किये जाने के संबंध में राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यवाही कर सकते है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि इस संबंध में प्रस्ताव उपलब्ध करा दिया जाए ताकि उप्र राज्य सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया जा सकें।