कानपुर/भूपेंद्र सिंह। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में सत्तारुढ सदस्यों के मनमानी रवैये के खिलाफ विरोध की आग की चिन्गारी अब भयावह रूप अख्तियार करने की ओर अग्रसर हो चली है। संघ के भीतर ही बगावत के सुर और भी बुलन्द होने लग पडे हैं। एपेक्स् कमेटी के सदस्यों के साथ ही अलीगढ व गोरखपुर जिला क्रिकेट संघ ने भी 42 सालों के बाद होने वाली चुनावी प्रक्रिया पर सवाल तो खडे ही कर दिए है।
इस बार के चुनावी प्रक्रिया को चुनौती देते हुए अब इन छोटे जिला संघ के पदाधिकारियों ने चुनाव अधिकारी को पत्र और मेल भेजकर नामांकन करने वाले उम्मीदवारों की दावेदारी को सिरे से खारिज करने की मांग उठाई है। एपेक्स कमेटी के सदस्यों के साथ ही अलीगढ व गोरखपुर जिला संघ के पदाधिकारियों ने नामांकन करने वाले सभी 5 उम्मींदवारों के खिलाफ चुनौती दायर की है और साथ ही जांच की भी मांग की है।
जिसका जवाब भी उन्होंने चुनाव अधिकारी से मांगा है और जांच में सही तथ्य पाये जाने के बाद सभी की उम्मीदवारी को खारिज कर निष्पक्ष चुनाव करवाने की मांग की है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में एक ही व्यक्ति के पास सारे अधिकार सीमिेत रखने को लेकर कई महीनों से विवाद चल रहा है। विवाद को थामने के बजाए पूर्व पदाधिकारियों का एक धडा अपने मनमाने और हठाधर्मी रवैये से दूसरे को पराजित करने में अधिक रुचि दिखा रहा है।
बीते कई महीनों से यूपीसीए में विवादों का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया जिसमें भी मामले लम्बित ही चल रहे है और अब इसमें गोरखपुर के साथ ही अलीगढ के संघ भी कूद पडे है। बीते महीने की 29 तारीख को प्रदेश संघ के चुनाव को लेकर प्रेम मनोहर गुप्ता, श्यामबाबू गुप्ता ,आनन्द पाठक प्रदीप गुप्ता के साथ ही जेके समूह के निधिपत सिंहानियां ने अध्यक्ष,सचिव, उपाध्यंक्ष व एपेक्स कमेटी के पदो के लिए नामांकन करवाया।
दूसरे दल ने इसी बात की शिकायत चुनाव अधिकारी से दर्ज करायी है उपाध्यक्ष का चुनाव लडने वाले श्याम बाबू की उम्र ही 70 के पार है, जबकि बीसीसीआई की गाइडलाइन में 70 के ऊपर कोई भी सदस्य पदभार नही कर सकता। वहीं प्रेम मनोहर और आनन्द पाठक के खिलाफ आजीवन सदस्य और निदेशक पद पर रहने की शिकायत दर्ज करायी गयी है।पूर्व अध्यक्ष के चचेरे भाई निधिपत का तो जन्म ही महाराष्ट्र में दिखाया गया है उनके खिलाफ लाभ के पद का भी फायदा उठाने की बात दोहरायी गयी है।
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