DESK : वाराणसी के जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी केस में गुरुवार को सुनवाई पूरी हो गई है. हालांकि, कोर्ट ने अगली सुनवाई तक इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. जानकारी के मुताबिक, अगली सुनवाई 8 नवंबर को होनी है. भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान का केस सुनने योग्य है या नहीं, इसको लेकर सुनवाई होगी. गुरुवार 27 अक्टूबर को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र पाण्डेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस मामले में हिन्दू पक्ष की बहस 15 अक्टूबर को पूरी हो गई थी. आज, 27 अक्टूबर को जज सीनियर डिविजन ने फैसले की तारीख रखी थी. हालांकि, अब मामले में अगली सुनवाई 8 नवंबर तक टाल दी गई है.
इन मांगों को लेकर दाखिल की गई थी याचिका
- ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग के बाद स्वयंभू ज्योतिर्लिंग की पूजा शुरू कराने को लेकर याचिका
- ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित करने की मांग को लेकर याचिका
- ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओं को सौंपने की मांग को लेकर याचिका
एक तरफ हिन्दू पक्ष का कहना है कि यह मामला सुनने योग्य है, क्योंकि यह तय करने का अधिकार सिविल कोर्ट का है कि मस्जिद वक्फ की प्रॉपर्टी है भी या नहीं. वहीं, मुस्लिम पक्ष कहता है कि केस सुनने योग्य नहीं है क्योंकि ज्ञानवापी वक्फ की संपत्ति है और यां ‘दि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991’ लागू होता है. ऐसे में सिविल कोर्ट को इस मामले में सुनवाई करने का अधिकार नहीं होना चाहिए.
जानकारी के लिए बता दें कि मई 2022 में कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे हुआ था. इस सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने से शिवलिंग रूप की आकृति मिली थी. हिन्दुओं की मांग थी कि इस कथित शिवलिंग पर उन्हें पूजा का अधिकार मिले और गैर-हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित किया जाए. इसके अलावा, परिसर का पूरा अधिकार हिन्दुओं को ही सौंपा जाए.