स्टेट डेस्क। यूपी चुनाव के लिए अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने आज शामली में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें सपा-आरएलडी गठबंधन की तरफ से बजट 2022 पर निशाना साधा गया। अखिलेश यादव ने सवाल किया कि अगर यह बजट अमृत है तो क्या पिछले बजट जहर थे? वहीं जयंत चौधरी ने कहा कि बजट में किसानों, रोजगार और मनरेगा के लिए कुछ भी नहीं है।
अखिलेश यादव ने बजट पर कहा कि कल ही देश का बजट आया है। कहा गया कि यह अमृतकाल का बजट है। अमृत बजट है। तो फिर पिछले जितने भी बजट थे वो क्या जहर थे? यूपी चुनाव का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि यह चुनाव भाईचारा बनाम भारतीय जनता पार्टी का है। योगी आदित्यनाथ के गर्मी शांत करने वाले बयान पर भी अखिलेश ने पलटवार किया। वे बोले कि आप मुख्यमंत्री से क्या उम्मीद कर सकते हैं। मुख्यमंत्री की यह भाषा मैं पहली बार नहीं सुन रहा हूं।
इलेक्शन कमिशन इस बात को देखे। गर्मी का सवाल है तो अगर गर्मी खत्म हो जाएगी तो हम लोग मर जाएंगे अगर गर्म खून नहीं बहेगा तो हम जिंदा कैसे रहेंगे। जब से गठबंधन के लोगों को समर्थन मिला है तब से इनके (बीजेपी) तोते उड़ गए हैं।
अखिलेश बोले कि जब से हमारी और जयंत चौधरी की केमिस्ट्री बेहतर हुई है तब से ये कंफ्यूज हैं और जो पलायन (कैराना के पलायन पर) की बात कर रहे हैं उनका राजनीतिक पलायन होने जा रहा है, क्योंकि अब बात भाईचारे की हो रही है, गंगा जमुना तहजीब की हो रही है।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले जयंत चौधरी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि गन्ना जीतेगा जिन्ना हारेगा। जो लोग जिन्ना, हिंदू, मुसलमान और पाकिस्तान के मसले पर चुनाव लड़ रहे हैं उनकी हार होने वाली है। जयंत ने आगे कहा कि केंद्रीय बजट में भी कुछ नहीं दिया गया है। मनरेगा के तहत मजदूरों को पहले 51 दिन का काम दिया जाता था, अब सिर्फ 44 दिन का काम मिल रहा है। किसानों के लिए बजट आधा कर दिया।