बागपत/बीपी प्रतिनधि। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल हुए विधायक केपी मलिक। बड़ौत विधानसभा सीट से दोबारा विधायक बने 61 वर्षीय केपी मलिक ने 34 साल के राजनीतिक सफर में सभासद से मंत्री बनने का सफर तय किया। प्रदेश सरकार में उन्हें राज्य मंत्री बनाया है। कभी वह उत्तर प्रदेश सहकारी विकास बैंक लिमिटेड लखनऊ के निदेशक नामित किए गए, तो कभी रिकार्ड मतों से विधान परिषद सदस्य का चुनाव जीते।
वर्ष 2017 में वह बड़ौत विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। इस बार भी उन्होंने इसी क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव जीतकर यह बता दिखा था कि उनका सियासी सफर कहीं आगे जाने वाला है। मूल रूप से शामली के कुड़ाना गांव निवासी केपी मलिक बड़ौत शहर के देवनगर में परिवार के साथ रहते है। केपी मलिक ने अपने सियासी सफर की शुरूआत 1988 में बड़ौत नगर पालिका से सभासद बनकर की थी। उसके बाद वर्ष 1990 में नगर पालिका बड़ौत चेयरमैन का चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई।
कार्यकाल समाप्त होने के बाद केपी मलिक को वर्ष 1996 में केंद्र सरकार ने खाद्य मंत्रालय, उत्तरी परिक्षेत्र का निदेशक नामित किया। दो साल बाद ही उन्हें उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड लखनऊ के निदेशक नामित किया गया। वर्ष 1999 में केपी मलिक उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड के मेरठ व सहारनपुर मंडल के निर्विरोध निदेशक निर्वाचित हुए। 2004 में उन्होंने विधान परिषद सदस्य का चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें रिकार्ड मतों से जीत हासिल हुई।
उसके बाद 2005 में एक बार फिर वह उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड लखनऊ के मेरठ व सहारनपुर मंडल के निर्विरोध निदेशक निर्वाचित हुए। वर्ष 2012 में एक बार फिर उन्होंने बड़ौत नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। इसके पांच साल बाद वह भाजपा से बड़ौत विधायक बन गए और इस बार फिर उन्हें पार्टी ने बड़ौत से ही चुनाव मैदान में उतारा और 315 मतों से रालोद प्रत्याशी जयवी सिंह तोमर को पराजित कर चुनाव जीतकर विधायक बन पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरने का काम किया।
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