Adarsh : शुक्रवार को अटल घाट से गंगा में 1.50 लाख मत्स्य अंगुलिकाएं मछलियां प्रवाहित की गई। भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी ने सभी डेढ़ लाख मछलियों को गंगा में प्रवाहित किया। लखनऊ स्थित राष्ट्रीय मत्स्य अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो से मछलियों के बच्चे भेजे गए हैं। गंगा में मछली छोड़ने से अब गंगा में मत्स्य संपदा में तेजी से बढ़ोत्तरी होगी, वहीं गंगा को निर्मल बनाने में ये मछलियां बेहद कारगर हैं।
गंगा में भारतीय मेजर कार्प की मत्स्य अंगुलिकाओं को लगातार गंगा में प्रवाहित किए जाने के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इससे पहले भी करीब 5 लाख मछलियों के बच्चे प्रवाहित किए जा चुके हैं। कार्यक्रम में निषाद पार्टी जिलाध्यक्ष श्रवण कुमार निषाद, नमामि गंगे की सहसंयोजक किरन निषाद, गंगा विचार मंच के संयोजक उमेश निगम सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।
गंगा में जाने वाले घरेलू सीवर, फूल, माला आदि प्रवाहित किए जाने की वजह से प्रदूषण बढ़ता है। रोहू, कतला, नैन प्रजातियों की मछलियां नदी के तल में जमा कचरे को साफ करती हैं और जो भी खतरनाक गैसें कचरे में दबी होती हैं, वह बुलबुला बनकर बाहर निकल जाती हैं। प्रदूषण के कारण ही मछलियों के प्रजनन पर भी असर पड़ रहा है। इन मछलियों से गंगा में खतरनाक गैसें भी कम होंगी।