कानपुर गौशाला सोसायटी ने होलिका दहन करने के लिए लगाए गोबर के लट्ठे व बल्ले के विक्रय स्टाल

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कानपुर/कुमार। उत्तर प्रदेश में होली को लेकर तैयारियां ज़ोरों पर हैं। ऐसे में कानपुर गौशाला सोसायटी का सराहनीय कदम सामने आया है। पर्यावरण के अनुकूल होली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कानपुर के कानपुर गौशाला सोसायटी ने लकड़ी के लट्ठों की जगह गाय के गोबर से गोबर की छड़ें बनायी है।

कानपुर गौशाला सोसायटी द्वारा संचालित अन्नपूर्णा भोजनालय केनाल रोड स्थित होलिका दहन करने के लिए गोबर के लट्ठे व बल्ले के विक्रय स्टाल लगाया गया। इसमें एक लठ्ठे की कीमत 5 रुपया और 10 बल्लो की माला 20 रुपये रखी गयी है। महामंत्री पुरुषोत्तमलाल तोषनीवाल ने बताया कि खरीद के वास्ते स्टाल पर काफी भीड़ लग रही है। साथ ही छोटी होलिका व बड़ी होलिका का भी प्रावधान किया गया।

छोटी होलिका में 25 लठ्ठे व बड़ी होलिका में 51 लठ्ठे लगते हैं, जिनका मूल्य क्रमश 121 और 221 रुपये निर्धारित किया गया है। सोसायटी के उपाध्यक्ष व संयोजक सुरेश गुप्ता ने बताया कि जहां की मांग ज्यादा है, वहां पर गौशाला के साधन से लठ्ठे भेजे जा रहे हैं। सबसे ज्यादा स्वरूप नगर, तिलक नगर, नवाबगंज, शुक्लागंज, नयागंज, धनकुट्टी, शारदा नगर आदि क्षेत्रों में काफी मांग की जा रही है। जिसे गौशाला द्वारा निर्धारित मूल्य व स्थान पर भेज दिया गया है।

वहीं गौशाला सोसायटी ने हर्बल रंग का भी निर्माण टेसू के फूल, गुलाब के फूल, गेंदा के फूल का उपयोग से किया गया था, जिसकी बृहत मांग की जा रही है। उक्त जानकारी गौशाला सोसाइटी के मुख्य प्रबंधक राम गोपाल मिश्रा ने दी। गौशाला सोसाइटी के मुख्य प्रबंधक राम गोपाल मिश्रा के मुताबिक होलिका दहन के कारण इस बार गौ काष्ठ की डिमांड बढ़ गई है. कई होलिका दहन समितियों ने गौ काष्ठ की एडवांस बुकिंग कर ली है। बताते चलें कि प्रधानमंत्री ने पूर्व में अपने सम्बोधन में कहा था कि गोबर का प्रयोग करने से वातावरण शुद्ध रहेगा, इसी क्रम कानपुर गौशाला सोसायटी ने यह प्रयास किया है।

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