Kanpur, Beforeprint: कानपुर के नये नये इलाके डायरिया की चपेट में आते जा रहे है। स्वास्थ्य महकमा सोया हुआ दिखाई दे रहा है। काकादेव, रावतपुर और कल्याणपुर के बाद ग्वालटोली में भी एक वृद्धा की मौत बीते दिन हो गई। तब जाकर यहां भी दवा वितरण का काम शुरू हो सका। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते अब तक 6 मौतों के मामले सामने आ चुके है।
12 एएनएम के हवाले पांच लाख की आबादी
स्वास्थ्य विभाग अब हर उस क्षेत्र में सजग हो रहा है जहां पर मौत हो रही है। इसी क्रम में कल ग्वालटोली के मकबरे इलाके में एक 65 साल की महिला की डायरिया से मौत का मामला सामने आने के बाद सूटरगंज CHC में हलचल शुरू हुई है। केंद्र में मात्र 12 आशा बहुओं को सक्रिय किया गया है। इस CHC के अंतर्गत ग्वालटोली, अहिराना, गुड़ियाना, खालासी लाइन, मकबरा, परमट और मछली वाला हाता आता है। इसी के साथ ग्वालटोली से VIP रोड तक बसी रेलवे लाइन की झोपड़ बस्ती और चुन्नीगंज भी शामिल है। इस इलाके में तकरीबन पांच लाख से भी ज्यादा की आबादी रहती है। पूरा क्षेत्र घनी आबादी में आता है।
सर्वे से नहीं रुकेगी बीमारी, बरतें सावधानी
एसीएमओ डॉ आरएन सिंह ने बताया कि स्वास्थ विभाग के शीर्ष अधिकारी खुद मौके पर जाकर हालातों को देख रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि हर रोज 2000 से अधिक घरों का सर्वे हो रहा है। लगभग इतने ही घरों में दवा का वितरण भी किया जा रहा है। डॉ आरएन सिंह के मुताबिक सर्वे करने से तो बीमारी रुक नहीं जाएगी। बचाव ही उपाय है। पानी उबालकर ठंडा करने के बाद पिएं। उन्होंने बताया जलभराव और गंदगी के कारण यह बीमारी फैलती है। जिला प्रशासन को इस बारे में लिखा गया है। स्वास्थ्य विभाग डायरिया प्रभावित क्षेत्रों में दवा वितरण का कार्य करा रही है।