Kanpur : मकसूदाबाद में 200 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन बेचने के आरोपी से अवैध वसूली में लेखपाल अमित दीक्षित को सस्पेंड कर दिया गया है। फर्जी दर्ज 15 नाम व इन्हें चढ़ाने वाले तहसील कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए कोतवाली में तहरीर भेजी गई है।
सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से बेचने के मामले में 15 प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ बिठूर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद टिकरा में तैनात लेखपाल अमित दीक्षित पर एसडीएम सदर हिमांशु नागपाल ने कार्रवाई की है। अमित दीक्षित कई साल तक मकसूदाबाद में भी तैनात रह चुका है।
बता दें कि लेखपाल और तहसील कर्मियों की मिलीभगत से 105 बीघा 8 बिस्वा सरकारी जमीन 15 लोगों के नाम दर्ज हो गई थी। जमीन की अनुमानित कीमत करीब 200 करोड़ रुपए है।
अमित का ऑडियो अक्षरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के चीफ एग्जीक्यूटिव विमलेश कुमार को केस से बाहर निकलवाने के बदले में पैसा मांगने का वायरल हो रहा है। उधर, फर्जी तरीके से मकसूदाबाद में ग्रीन बेल्ट की जमीन पर फर्जी नाम चढ़ाने वाले कर्मचारी व दर्ज लोगों के खिलाफ भी तहरीर भेजी है।
सिविल लाइंस निवासी राजेंद्र शंकर चौधरी, फतेहपुर निवासी सत्य नरायन, जनरलगंज निवासी जयनरायन, जवाहर नगर निवासी शिवनाथ, कल्याणपुर निवासी रमेश चंद्र, अशोक नगर के लक्ष्मीशंकर, निर्मल सिंह, प्यारी पत्नी चंद्रभाल आदि के नाम जमीन दर्ज हो गई थी।
वायरल ऑडियो में पड़ोस के गांव में तैनात होने के बावजूद अमित खुलेआम विमलेश कुमार से डील कर रहा है। अफसरों ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ सस्पेंड किया है। बातचीत में अमित रिपोर्ट दर्ज होने पर खुद सफाई दे रहा था कि रिपोर्ट से कोई लेना-देना नहीं है।
लेखपालों ने एसडीएम सदर की कार्रवाई पर पानी फेरने के पूरे मंसूबे तैयार कर लिए थे इसलिए कार्रवाई की जानकारी होने से पहले ही मौके पर डील की गई। इसका खुलासा खुलेआम ऑडियो में विमलेश कर रहा है। उसके मुताबिक 50 हजार लिए गए।
डीएम ने कहा होगी कड़ी कार्रवाई
मामले में डीएम विशाख जी ने बताया कि SDM सदर को हर स्थिति को देखने का निर्देश दिया गया है। वायरल ऑडियो में बातचीत काफी गंभीर है। उसका रिव्यू कराकर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।