बोर्ड रिजल्ट : कानपुर की किरन तो सच में है पूरे परिवार के लिए ‘आशा की किरन’ पर पैसे से लाचार है परिवार

कानपुर

कानपुर, बीपी प्रतिनिधि। यूपी बोर्ड, हाईस्कूल में कानपुर की किरन कुशवाहा ने 600 में 585 नंबर हासिल किए। वह प्रदेश की टापर लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं। शिवाजी इंटर कालेज अर्रा, की छात्रा किरन के पिता संजय कुमार पिकअप चलाते हैं। संजय की पांच बेटियां हैं, जिनमें किरन सबसे छोटी है। तीन बेटियों की शादी हो चुकी है। मां रूमा देवी हाउस मेकर हैं। किरन को अपनी मेहनत पर जरा सा भी गुमान नहीं है।

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तभी तो वह अपनी सफलता का सारा श्रेय ईश्वर, गुरुजनों और अपने परिवार को देती हैं। उनकी मां रूमा देवी ने कहा कि वह बेटी को खूब पढ़ाना चाहती हैं लेकिन पैसे से मजबूर हैं। समझ में नहीं आता बेटी को आगे पढ़ाएं तो कैसे पढ़ाएं।
नौबस्ता, खाड़ेपुर निवासी संजय की सबसे छोटी बेटी है किरन। बेटे नही हैं। किरन की मां रूमा ने कहा- कोरोना के दौरान घर के हालात बिगड़ गए बेटी की फीस भी जमा नहीं कर पा रहे थे।

उस वक्त स्कूल छुड़वाने का विचार आया। लेकिन तब बेटी ने कहा, माँ मुझे पढ़ने दो। एक दिन मैं घर के हालात बदल दूंगी। किरन ने कहा कि मैंने गरीबी देखी है। मुझे आगे पढ़ाई करके देश की गरीबों की सेवा करनी है। उसने बताया कि जब लाकडाउन लगा, परिवार को खाने के भी भी संकट से जूझना पड़ा। प्रिंसिपल दिनेश अवस्थी ने कहा कि किरन पर उन्हें और उनके स्कूल को गर्व है।

वह बहुत मेधावी है। उन्हें विश्वास है कि किरन आगे चलकर कोई बड़ा मुकाम हासिल करेगी। किरन ने बताया कि कोरोना काल हमारे परिवार के लिए बहुत कठिन था। पापा के पास काम नहीं था। स्कूल ऑनलाइन पढ़ा रहे थे। मेरे पास मोबाइल या लैपटॉप था नहीं। बड़ी बहन पूजा ने मेरी पढ़ाई के लिए मोबाइल खरीदकर दिया। उसी से पढ़ाई की।