फर्जी मीटिंग दिखाकर सरकार के साथ एमओयू हस्ताक्षर कर फंसा दिया पूर्व सचिव ने

कानपुर

–पूर्व सचिव ने सरकार के साथ ही रच दिया षडयन्त्र

कानपुर, भूपेंद्र सिंह : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को लेकर उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह के खिलाफ सरकार के साथ अब षडयन्त्र रचने का आरोप पाया गया है। खेल विभाग ने उनके इस कृत्य पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री से उनके खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। खेल निदेशक ने मुख्यमंत्री को भेजे गए शिकायती पत्र में यूपीसीए के पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह के उस बयान पर खासी नाराजगी व्यक्त की है। जिस पर उन्होंने खेल विभाग के साथ स्टेडियम बनाने को लेकर की गई मंत्रणा का जिक्र किया था।

खेल निदेशक आरपी सिंह ने इस पत्र में मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि विभाग के साथ उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की किसी भी प्रकार की बैठक स्टेडियम निर्माण को लेकर नहीं की गई है। यह पूरी तरह से सरकार को धोखा देने के लिए किया गया कुचक्र है। गौरतलब है कि शिकायतकर्ता प्रदीप सिंह ने, प्रधानमंत्री . राज्यपाल , मुख्यमंत्री. एवं केंद्रीय खेल- कूद मंत्री, भारत सरकार नई दिल्ली को UP global Investor Summit के सफल आयोजन के लिए बहुत बहुत बधाई देते हुए अवगत कराते हुए कहा है कि इससे शीघ्र ही प्रदेश के विकास को नई गति प्राप्त होगी। उन्होंने जनसूचना सुनवाई के माध्यंम से खेल विभाग से जानकारी जुटायी है कि खेल विभाग और यूपीसीए के बीच स्टेडियम निर्माण को लेकर कभी भी कोई बैठक नही आयोजित की गयी।

यही नही पिछले कई साल से हुई एजीएम और एपेक्स काउंसिल की सभी बैठकों में कभी भी बनारस में क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए कोई भी निर्णय तो छोड़िए इसके लिए कभी जिक्र तक नही हुआ और तो और हाल में 20/01/2023 को हुई बैठक में भी कोई वार्तालाप नहीं हो सकी थी। जबकि लखनऊ के इन्वेर्स्टस मीट में पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह ने सरकार के नुमाइन्दों के साथ एमओए पर हस्ताक्षर करते समय सबको यह जानकारी दी थी कि खेल विभाग के साथ हुए विचार विमर्श के बाद एमओए तैयार किया गया है जो कि अब खेल विभाग के अधिकारियों ने इसे खारिज करते हुए यूपीसीए का षडयन्त्र बताया है।

आरोप यह भी लगाया गया है कि ये निर्णय युद्धवीर सिंह पर लगे फर्जी दस्तावेज पर कॉलेज में नौकरी नियमित करने के आरोप से बचने एवं सरकार के उच्च अधिकारियों से संपर्क कर अपने को बचाने की कवायद के कारण किया था। अविलंब इनके रिकॉर्ड की जांच करे जिससे सच्चाई का पता लगे और सरकार के साथ आंखों में धूल झोंकने की एवं फर्जी MOA साइन करने की उचित सजा दे। यह MOA सिर्फ प्रदेश सरकार को छलावा देना है जबकि 10/2 / 2023 को गाजियाबाद स्टेडियम पर बैठक दिल्ली में की गई थी। प्रदीप सिंह द्वारा इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है। अतः उक्त के सम्बन्ध में शासन स्तर पर निर्णय लेने का कष्ट करें। अब खेल विभाग के निदेशक आरपी‍ सिंह ने मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर पूर्व सचिव और यूपीसीए के खिलाफ षडयन्त्र कारी नीति अपनाने और उसपर कार्यवाही करने की मांग की है।