कानपुर, बीपी प्रतिनिधि। एटीएस की इंट्रोगेशन में कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी आखिरकार टूट ही गया। सोर्स के मुताबिक पीएफआई से उसके कनेक्शन सामने आ गए हैं। खुलती परतों में ये भी सामने आया है कि उसे फंडिंग करने में कई इस्लामी मुल्कों का हाथ है। जिसमें से पाकिस्तान, सऊदी अरब और ओमान का भी हाथ है। पूछताछ में जफर ने बताया कि जो पैसा विदेशों से आता था उसका हिसाब उसकी बीवी रखती थी। अब तक हुई पड़ताल की विस्तृत जानकारी एडीजी एटीएस नवीन अरोड़ा को सौंप दी गई।
इसकी एक रिपोर्ट प्रदेश और केंद्र सरकार को भी भेजी गई है। एटीएस के सूत्रों के के मुताबिक हयात जफर हाशमी की पहली बार रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में कुछ खास हासिल नहीं हुआ था। उसने पूछताछ कर रही टीम को कई बार गुमराह किया। लेकिन, दूसरी रिमांड में कई अहम जानकारियां निकल कर सामने आ रही हैं।
पूछताछ में हयात के पसीने छूट गए। हयात के साथियों ने भी एटीएस के सामने कहा, “हयात भाईजान जो कहते थे। हम लोग वहीं करते थे। जो भाभी और हयात भाईजान के मोबाइल से आदेश मिलता था। 3 जून (जुमे के रोज) भी हयात और उसकी बीबी के कहे मुताबिक ही काम हुए थे।”
हयात ने बताया कि 2 जून को उसकी पुलिस कमिश्नर से बात हो गई। लेकिन उसके ऊपर बैठे पीएफआई के लोग उसकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। इसी वजह से वह कुछ फैसला नहीं ले पाया और जुमे के रोज उपद्रव हो गया। उसने साफ कहा ” मैं देश के टुकड़े नहीं करना चाहता हूं। बस अपनी कौम को इंसाफ दिलाना चाहता हूं। नदीम मेरे ससुराल का है। उससे बातचीत होती है। कोई गहरे संबंध नहीं हैं।”
बता दें कि नदीम दिल्ली में रहता था और पीएफआई के लिए काम करता है। फंडिंग के बारे में हयात ने बताया ” पाकिस्तान, सऊदी अरब, ओमान से फंड आता रहा है। उसका हिसाब मेरी बीवी रखती है। बाहर बैठे लोगों से ऑनलाइन मेरी बातें होती रही हैं। धर्म को बढ़ाना है।”