छाती में दबाव या दर्द को न करें नजरअंदाज : डॉ.अमित कुमार

कानपुर

-सेमिनार में गुडगांव से हिस्सा लेने आएं सीनियर कार्डियोलाजिस्ट डॉ. एम. एस. संधू
-डॉ. मयंक भार्गव सहित 150 चिकित्सकों ने लिया भाग
-कार्यक्रम में आईएमए पदाधिकारी भी रहे मौजूद
-हद्यरोग पर जानकारी के लिए हुआ प्रोजेक्टर का इस्तेमाल

कानपुर/ अखिलेश मिश्रा : अगर आपके छाती में असहज दवाब या फिर दर्द की स्थिति बनती है तो इसे गंभीरता से ले और तत्काल हद्यरोग विषेशज्ञ से मिलकर उचित परामर्ष ले। वरना आपकी लापरवाही आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। उक्त बातें हद्यरोग विषेशज्ञ डॉक्टर अमित कुमार (एमडी, डीएम, एफएससीएआई सलाहकार – इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, के केयर हॉस्पिटल और आर्टेमिस हार्ट सेंटर, कानपुर) ने सेमिनार के दौरान कहीं।

श्री कुमार ने कहा कि अधिकांश लोग सीने के दर्द या फिर दवाब को गंभीरता से नहीं लेते जो बाद में बडी बीमारी बनकर उभरता है। अगर समय रहते आप हार्ट स्पेशलिस्ट से सलाह या सम्पर्क में आते है तो आने वाली बीमारी को समय रहते रोेका जा सकता है। आज सिटी में वरिष्ठ डाक्टरों की एक कार्यशाला का आयोजन आईएमए और केयर हाॅस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। जिसमें शहर के 150 वरिष्ठ डाक्टरों ने हिस्सा लिया। सेमिनार की शुरुआत आईएमए पदाधिकारी और गुडगांव से आएं वरिष्ठ इंटरवेंषनल काॅर्डियोलाॅजिस्ट डाक्टर एस0एस0 संधू को मंचासीन करके की गयी। सभी मंचासीन मेहमानों को कार्यषाला में भाग लेने आएं चिकित्सकों ने पुष्प भेंट करके सम्मानित किया।

कार्यशाला की विधिवत शुरुआत होने के बाद डाक्टर अमित कुमार ने प्रोजेक्टर के माध्यम से हद्यरोग से संबंधित बीमारियों को विस्तृत से बताया। डाक्टर कुमार ने कहा कि आज के तनाव भरे जीवन में अचानक हार्ट की बीमारियां तेजी से बढी है। आज 86 प्रतिषत लोग सिर्फ ह्दयगति रूकने के कारण असमय जा रहे है। जो अच्छे संकेत नहीं है। डाक्टर अमित कुमार ने कहा कि अधिकांश लोग तो बीमारी दस्तक दे देती है लेकिन उसकी जानकारी या फिर लक्षण न पता होने से इलाज भी नहीं करा पाते।

सेमिनार के दौरान चिकित्सक ने लक्षण पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अगर सांस लेने में दिक्कत, अचानक पसीना आना, सीने में दर्द, अचानक जी मिचलाना या उल्टी आना या फिर हमेशा थकान महसूस होना यह सब परेषानियां हद्यरोग की आहट या फिर संकेत है। सेमिनार के दौरान डाक्टर कुमार ने कुछ जरूरी दवाएं जैसे डिस्प्रिन 325 एमजी और सोर्बिटेट 5 एमजी हमेषा घर पर रखने की सलाह दी। हार्ट परेषानी के समय यह दवाईयां अस्पताल पहुंचने तक आप को सेफ रखने में मददगार साबित हो सकती है। कार्यशाला में सिटी से डाक्टर सहित आईएमए की पूरी टीम खासतौर से मौजूद थी।

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